वीकेंड पर आ रहे पर्यटक
होटल संस्थान दक्षिणी राजस्थान के सचिव राकेश चौधरी के अनुसार कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव पर्यटन उद्योग पर पड़ा है। इन दो वर्षों में यह उद्योग लगभग खत्म- सा हो गया है। इस क्षेत्र में कार्य करने वाले अधिकांश लोगों की छंटनी हुई है, जिससे वे बेरोजगार हो गए हैं। होटल उद्यमी भी विभिन्न करों एवं बिजली के बिलों का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, जिससे कुछ होटल भी बिकने की कगार पर हैं। उदयपुर में ही होटल उद्योग को 2 साल में हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। दूसरी लहर का प्रभाव पहली लहर से अधिक था, अधिकांश लोग घर में ही रहे। अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने पर लोग घर से बाहर निकलने लगे हैं। जुलाई में पर्यटकों के आने की उम्मीद है। अनलॉक के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। अभी 5 से 10 प्रतिशत तक की बुकिंग हो रही है, वीकेंड पर शहर के आसपास रिसोर्ट में भी पर्यटक आ रहे हैं। यदि सरकार द्वारा आरटीपीसीआर रिपोर्ट की अनिवार्यता एवं रविवार के कफ्र्यू में छूट दी जाए तो अच्छी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद है।
होटल संस्थान दक्षिणी राजस्थान के सचिव राकेश चौधरी के अनुसार कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव पर्यटन उद्योग पर पड़ा है। इन दो वर्षों में यह उद्योग लगभग खत्म- सा हो गया है। इस क्षेत्र में कार्य करने वाले अधिकांश लोगों की छंटनी हुई है, जिससे वे बेरोजगार हो गए हैं। होटल उद्यमी भी विभिन्न करों एवं बिजली के बिलों का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, जिससे कुछ होटल भी बिकने की कगार पर हैं। उदयपुर में ही होटल उद्योग को 2 साल में हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। दूसरी लहर का प्रभाव पहली लहर से अधिक था, अधिकांश लोग घर में ही रहे। अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने पर लोग घर से बाहर निकलने लगे हैं। जुलाई में पर्यटकों के आने की उम्मीद है। अनलॉक के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। अभी 5 से 10 प्रतिशत तक की बुकिंग हो रही है, वीकेंड पर शहर के आसपास रिसोर्ट में भी पर्यटक आ रहे हैं। यदि सरकार द्वारा आरटीपीसीआर रिपोर्ट की अनिवार्यता एवं रविवार के कफ्र्यू में छूट दी जाए तो अच्छी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद है।
पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के वैक्सीनेशन पर जोर उदयपुर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष भगवान वैष्णव ने बताया कि अनलॉक होने के बाद पर्यटक आना शुरू हुए हैं लेकिन अभी संख्या कम ही है। शहर में लगभग 500 से अधिक छोटे-बड़े होटल्स हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत अभीतक खुल ही नहीं पाए हैं। वहीं, बुकिंग्स भी कम है। लोगों के मन में तीसरी लहर का डर है। इससे बचने के लिए टीकाकरण ही एक उपाय है। इसके लिए होटल एसोसिएशन की ओर से होटल कर्मचारियों के लिए शिविर आयोजित किए गए। वहीं, प्रशासन व चिकित्सा विभाग को भी पर्यटन नगरी होने के नाते पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए टीकाकरण शिविर आयोजित करने चाहिए ताकि जिनका टीकाकरण नहीं हो पाया है, उनका टीकाकरण हो सके, इससे वे खुद भी सुरक्षित रहेंगे और आने वाले पर्यटक भी। वहीं, शहर में आने वाले पर्यटकों के लिए आगे भी आरटीपीसीआर रिपोर्ट या वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की अनिवार्यता रहे ताकि कोरोना के खतरे से बचा जा सके। राकेश चौधरी के अनुसार तीसरी लहर से बचने के लिए पर्यटन क्षेत्र में जो लोग कार्यरत हैं उनका अधिक से अधिक टीकाकरण किया जाना जरूरी है, जिससे पर्यटक भी भय मुक्त होकर भ्रमण कर सके।
पिछले 5 महीनों में कोरोना से पर्यटकों की संख्या में यूं आई गिरावट –
माह – देसी – विदेशी जनवरी – 85495 – 258
फरवरी – 75890 – 341 मार्च – 49850 – 449
अप्रेल – 34850 -163
माह – देसी – विदेशी जनवरी – 85495 – 258
फरवरी – 75890 – 341 मार्च – 49850 – 449
अप्रेल – 34850 -163
मई – —- 22 इनका कहना है…
अनलॉक के बाद पर्यटकों का आना शुरू हुआ है और वीकेंड्स पर पर्यटकों की संख्या अच्छी रहती है। पर्यटन स्थलों व होटलों सभी जगहों पर कोरोना गाइडलाइंस की पालना हो रही है। इस संबंध में पूरा ध्यान रखा जाता है। साथ ही आरटीपीसीआर रिपोर्ट व वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट भी देखे जा रहे हैं ताकि किसी तरह की परेशानी ना तो आने वाले पर्यटकों को हो और ना ही शहरवासियों को।
अनलॉक के बाद पर्यटकों का आना शुरू हुआ है और वीकेंड्स पर पर्यटकों की संख्या अच्छी रहती है। पर्यटन स्थलों व होटलों सभी जगहों पर कोरोना गाइडलाइंस की पालना हो रही है। इस संबंध में पूरा ध्यान रखा जाता है। साथ ही आरटीपीसीआर रिपोर्ट व वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट भी देखे जा रहे हैं ताकि किसी तरह की परेशानी ना तो आने वाले पर्यटकों को हो और ना ही शहरवासियों को।
शिखा सक्सेना, उपनिदेशक, पर्यटन विभाग