पहिया वाहन में हैं तो उस पर पत्थर बरसने का डर है। यदि आप रूट पर चलने वाले वाहनों के ारोसे है तो ध्यान र ों कि इन पर छह बजे के बाद लग जाता है फुल स्टॉप। कुछ दिन पहले इस मार्ग तक पहुंची पत्रिका टीम से कई लोगों, दुकानदारों और बस चालकों-परिचालकों ने इस बात का उल्ले ा किया।
पत्रिका टीम जैसे ही करीब तीन बजे रोडवेज की बस से ओड़ा पंचायत क्षेत्र में पहुंची तो लोगों ने कहा कि काम जल्दी पूरा कर लेना साढ़े चार बजे के बाद कोई वाहन यहां से जाने के लिए नहीं है, ना कोई निजी या सरकारी बस और ना ही कोई जीप। जैसे-तैसे काम पूरा कर दौड़ते हुए उदयपुर मु यालय लौट रही एक बस को पकड़ा। बस में बैठने से पहले शाम को वाहन नहीं मिलने पर हुई चर्चा में सामने आया कि अंधेरा होने के बाद यहां वाहनों पर बीच राह कतिपय लोग पत्थरबाजी करते हैं। एेसे कई उदाहरण है जिनमें वाहनों के कांच फूटे हैं, तो यात्रियों को चोट तक आई है।
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तैयार हो रहा है मार्ग
ये सड़क अब राष्ट्रीय मार्ग ५८ई बन रहा है, एेसे में यहां पर चल रहे निर्माण कार्य से ाी यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है। कई बार तो यात्रियों ने यहां स्थानीय लोगों के यहां मजबूरन रात गुजारी है।
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तैयार हो रहा है मार्ग
ये सड़क अब राष्ट्रीय मार्ग ५८ई बन रहा है, एेसे में यहां पर चल रहे निर्माण कार्य से ाी यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है। कई बार तो यात्रियों ने यहां स्थानीय लोगों के यहां मजबूरन रात गुजारी है।
—– मेरे ध्यान में इस तरह का कोई मामला नहीं आया है, यदि एेसी बात है तो तत्काल जांच करवाएंगे। वाहन तो चलने ही चाहिए, ताकि यात्रियों को आने-जाने में परेशानी नहीं हो।
जितेन्द्रकुमार, उप ांड अधिकारी झाड़ोल