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अधिकार रैली में तीर-कमान लिए जुटे हजारों आदिवासी

locationउदयपुरPublished: Nov 18, 2019 11:12:39 am

अधिकार रैली में तीर-कमान लिए जुटे हजारों आदिवासीजंगल, जमीन, जन आंदोलन के बैनर तले आयोजन

अधिकार रैली में तीर-कमान लिए जुटे हजारों आदिवासी

अधिकार रैली में तीर-कमान लिए जुटे हजारों आदिवासी

उदयपुर. शहर में रविवार को आदिवासी समुदायजनों ने रैली निकाली। अधिकारों की मांग पर हजारों की तादाद में जुटे लोगों ने पारंपरिक रूप से तीर-कमान थामकर नारेबाजी की। टाउनहॉल से शुरू हुई रैली विभिन्न मार्गों से होते हुए जनजाति आयुक्त कार्यालय पहुंची, जहां धरना-प्रदर्शन किया गया।वन अधिनियम के तहत प्रस्तावित संशोधन बिल से कुछ प्रावधानों को वापस लेने, उच्चतम न्यायालय में वन अधिकार के निरस्त दावों के दावेदारों को बेदखल करने के बारे में विचाराधीन याचिका रद्द करवाने की अपील और वन अधिकार कानून की पालना सहित कई मुद्दों को लेकर आदिवासी समुदाय की रैली निकली। जंगल जमीन जन आंदोलन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के बैनर तले आयोजन हुआ।संभाग के सभी जिलों के साथ भीलवाड़ा, बूंदी जिलों के आदिवासी जन जुटे। टाउनहॉल से रैली शुरू हुई, जो बापू बाजार, देहलीगेट, कोर्ट चौराहा, चेतक सर्कल होते हुए जनजाति आयुक्त कार्यालय पहुंची।सभा में जंगल जमीन जन आंदोलन के संयोजक रमेश नंदवाना ने कहा कि वन अधिकार कानून की पालना कानून की मूल भावना के अनुसार नहीं किए जाने से लोग परंपरागत वन अधिकारों से वंचित हो रहे हैं। कानून की पालना क्रियान्वयन सही नहीं हो पा रहा है। लोंगो के दावे गैर कानूनी तरीके से निरस्त किए जा रहे हैं।भाकपा के राजेश सिंघवी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में निरस्त दावेदारों को बेदखल करने के लिए याचिका लगाई, जिसे रद्द करवाने में केंद्र सरकार पैरवी भी सही नहीं कर रही है। सुभाषचंद्र श्रीमाली, साधना मीणा, राजस्थान आदिवासी अधिकार मंच के संयोजक धरमचंद खेर, डॉ. वेलाराम घोघरा, आदिवासी विकास मंच कोटड़ा के लाडूराम परिहार, खेरवाड़ा के बंसत, वागड़ मजदूर किसान संगठन डूंगरपुर की मनीषा फलेजा, लहरूलाल ने विचार व्यक्त किए। बाली (पाली) के गोडवाड़ आदिवासी संगठन के हंसाराम मोरी ने कुंभलगढ़ अभ्यारण्य को नेशनल पार्क में बदलने से पैदा हुई समस्याएं बताई।
ज्ञापन में बताई समस्याएंप्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन अतिरिक्त संभागीय आयुक्त एलएन मंत्री को दिया गया। भारतीय वन अधिनियम के प्रस्तावित संशोधन में जन विरोधी प्रावधान वापस लेने सहित अधिकारों से जुड़ी मांगेें रखी। सभा का संचालन कारूलाल कोटेड़ ने किया। बाबूलाल गमार ने आभार जताया।

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