—– यह है प्रावधान राज्य विधि-विज्ञान प्रयोगशाला में प्रकरणों की प्रकृति अनुसार समयबद्ध परीक्षण रिपोर्ट देने का प्रावधान है। सरकार की ओर से यह जरूरी है कि सभी एफ एसएल रिपोर्टों को समयबद्ध करवाकर निस्तारण करें। इसके लिए जरूरी मानव संसाधन विशेषज्ञ एवं उपकरण पूरे नहीं होने से परेशानी हो रही है।
—- मुख्य एफएसएल, जयपुर डिविजन का नाम, लम्बित- 1 सित. 19 तक, प्राप्त, कुल, केस जांच, प्रदर्शित, कुल लम्बित मामले – केमेस्ट्री डिविजन- 75, 54, 129, 38, 1762, 91- अरसन व एक्सप्लोसिव- 2321, 456, 2777, 670, 973, 2107- नारकोटिक्स डिविजन- 608, 73, 681, 120, 238, 561- बायोलॉजी डिविजन- 144, 98, 242, 123, 711,119- फिजिक्स डिविजन- 51, 39, 90, 31, 101, 59- पोलिग्राफ डिविजन- 2,1,3,0,0,3- सायबर फोरेंसिक- 446, 54, 500, 20, 107, 480- बेलेस्टिक्स डिविजन- 67, 31, 98, 19, 484, 79- टोक्सीकॉलोजी डिविजन- 181,160,341,141,873,200- सेरेलॉजी डिविजन- 4,143,147,92,460,55- डीएनए डिविजन- 2160, 253, 2143, 77, 420, 2336
————— कुल 6093, 1367, 7460, 1346, 6183, 6114 —-लङ्क्षबत मामले- 1.9.2019 – रिजनल एफएसएल उदयपुर – 2158- रिजनल एफएसएल जोधपुर- 1225- रिजनल एफएसएल कोटा- 898- रिजनल एफएसएल बीकानेर- 1651- रिजनल एफएसएल अजमेर- 1053- रिजनल एफएसएल भरतपुर- 255—-कुल लंबित मामले: 7240—–ये नहीं बोले कुछ भी एफएसएल उदयपुर के प्रभारी इस मामले में कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हुए। वे मानते है कि विभिन्न यूनिट में लम्बित मामलों के अलग-अलग कारण होते हैं, इसलिए समेकित रिपोर्ट को लेकर कुछ भी कहना सहीं नहीं है।
—- जांच अधिकारी यदि पत्र लिखता है तो एफएसएल की रिपोर्ट जल्द भेजते हैं। हमारा काम तो पोस्ट मार्टम करके विसरा सभी पुलिस को ही सौंपना ही होता है। इसके आगे का काम तो पुलिस करती है। डॉ. राहुल जैन, सदस्य, मेडिकल ज्यूरिष्ट टीम, उदयपुर
— आजकल एक या दो माह में हम रिपोर्ट दे देते हैं। पहले स्टॉफ कम होने के कारण ज्यादा समस्या आती थी। अब मामले ज्यादा आने लगे हैं, ऐसे में परेशानी ज्यादा होती है। हमारी यूनिट की ओर से क्राइम सीन रिपोर्ट दी जाती है, ये रिपोर्ट कोर्ट में ज्यादा काम आती है। हम तत्काल मौके पर मोबाइल टीम लेकर पहुंचते हैं, जो वहीं जांच करते हैं। हमारी ओर से जुटाए गए तत्थ्य पूरे केस में बेहद महत्व रखते हैं।
अभय प्रतापसिंह, प्रभारी मोबाइल यूनिट एफएसएल उदयपुर