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कौमी इतेहाद मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बलियावी बोले…तलाक में भी इमाम व मोतबिर को बुलाओ ताकि यह टल पाए, तीन तलाक को बताया अत्याचार का बिल

locationउदयपुरPublished: Feb 05, 2018 12:13:05 am

Submitted by:

Mukesh Hingar

-बलियावी ने कहा कि देश में तीन तलाक का मामला पूरी तरह से राजनीतिक लाभ लेने के लिए उठाया गया

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उदयपुर . कौमी इतैहाद मोर्चा व इदारे शरिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि देश में तीन तलाक का मामला पूरी तरह से राजनीतिक लाभ लेने के लिए उठाया गया। मामले में मोर्चा मस्जिद के इमाम, मुत्तवली व गांव के मोतबिरों से समन्वय बनाते हुए समझाइश करेगा कि जिस तरह से निकाह के दौरान उन्हें बुलाया जाता है, उसी तरह तलाक के मामलों में भी उन्हें बुलाया जाए ताकि वार्ता का दरवाजा खुला रहे, त्रुटियां वहीं समाप्त हो जाए और तलाक की नौबत ही नहीं आए।
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पूर्व सांसद व बिहार विधानसभा के सदस्य बलियावी यहां पर लंकापति बाबा के उर्स पर अंजुमन में आयोजित जश्न में शिरकत करने आए थे। उन्होंने पत्रिका से विशेष बातचीत में कहा कि आज जिस प्रकार से तीन तलाक मामले में केन्द्र, राज्य व संगठनों ने हाय तौबा मचाई, उसी तरह देश जानना चाहता है कि जो महिलाएं इज्जत बेचकर कोठे पर रोटियां कमा रही है, वह भारत की बेटी है या नहीं।
गुजारा भत्ता के लिए न्यायालय में कितने आवेदन पड़े हैं, उसमें किस-किस धर्म की बेटियां प्रभावित है। देश में जहां कहीं भी विधवा आश्रम है, उनमें किस धर्म की कितनी बेवाएं हैं, इन सबका भी ब्योरा सामने आना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर देश के सभी वर्गों, धर्मों को एकत्रित होकर फिर से किसी गांधी को खोजना पड़ेगा।
देश में धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में
बलियावी ने कहा कि पूरे देश में धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में है। आज जिस प्रकार सत्ता के शिखर तक पहुंचने के लिए पार्टी, दल व संगठन की ओर से समुदाय के हितों को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है जो सरासर संविधान का अपमान है। ऐसे व्यक्तियों को सडक़ पर नहीं जेल में रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वो हिन्दू-हिन्दू नहीं जो मुसलमान से प्यार नहीं करे, वो मुसलमान मुसलमान नहीं जो दूसरे धर्म का सम्मान नहीं करे। जो ऐसा नहीं करता वो अपने धर्म के बारे में नहीं जानता है। उसने समझकर नहीं सुनकर धर्म स्वीकार किया है। समझकर धर्म स्वीकार करने वाला न दंगाई होता है न आतंकवादी।
मुस्लिमों के लिए काला कानून
बलियावी ने कहा कि तीन तलाक का मामला पूरी तरह से राजनीतिक लाभ लेने के लिए उठाया गया। यह मुस्लिमों के लिए काला कानून व अत्याचार का बिल है। इन मामलों में पति को तीन साल की सजा भी हो जाएगी और नहीं माना जाएगा।

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