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video: तीन घंटों में मरीजों को याद आए तीन काल: हड़ताल का सन्नाटा-कतारों में कराह

locationउदयपुरPublished: Jun 17, 2019 01:11:48 pm

– महाराणा भूपाल हॉस्पिटल: चिकित्सकों की हड़ताल- पश्चिम बंगाल में चिकित्सक के साथ मारपीट का असर

महाराणा भूपाल हॉस्पिटल: चिकित्सकों की हड़ताल

महाराणा भूपाल हॉस्पिटल: चिकित्सकों की हड़ताल

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर. कोई मरीज हॉस्पिटल के बरामदे में ही थककर पसर गया तो किसी की निगाहें प्रवेश द्वार पर थी। कोई चिकित्सकों के कक्ष के सामने ही नीचे बैठकर किसी डॉक्टर के आने की उम्मीद में बैैठा था। तो कुछ अपने साथ आए मरीजों को दिलासा दे रहा था कि आ जाएंगे डॉक्टर, क्या करें….कई एेसे मरीज थे जो अधिक परेशानी में थे, वे अपना पेट तो अपना सिर पकडक़र बैठे थे। कुछ एेसे मरीज भी यहां पहुंचे जो तकलीफ के कारण रात भर सो नहीं पाए थे, लेकिन एमबी हॉस्पिटल पहुंचकर उनकी समस्या और बढ़ गई थी। कोई मध्यरात्रि से हॉस्पिटल पहुंच गया था, ताकि उसका नम्बर पहले आएगा और वह डॉक्टर को दिखाकर घर की राह ले लेगा , लेकिन यहां हालात अलग थे, कई मरीज व परिजन जब यहां पहुंचे तब उन्हें पता चला कि चिकित्सक हड़ताल पर हैं, एेसे में वे निराश हो गए। पत्रिका टीम सुबह साढे़ नौ बजे जब महाराणा भूपाल हॉस्पिटल पहुंची तो मरीजों का दर्द हड़ताल के सन्नाटे में उभर आया। यहां चिकित्सक कक्षों में पूरी शांति थी तो बाहर लम्बी कतारों में मरीजों की आंखे एक अदद सहारे की तलाश में थी।
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बंगाल की आग से गर्म हुआ उदयपुर

पश्चिम बंगाल के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में कुछ दिनों पहले मरीज के परिजनों द्वारा चिकित्सकों से मारपीट की घटना ने देशभर के चिकित्सालयों पर सोमवार को खासा असर डाला। जिले भर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर प्राथमिक व अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सक हड़ताल पर रहे, एेसे में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा वहीं यहां महाराणा भूपाल हॉस्पिटल के चिकित्सक भी हड़ताल पर रहे तो मेडिकल टीचर्स ने तीन घंटे कार्य बहिष्कार के बाद सुबह ११ बजे से मोर्चा तो संभाला, लेकिन मरीजों की लम्बी कतारों ने उनकी भी सांसे फूला दी। सुबह से ही हॉस्पिटल में मरीजों का जमावड़ा शुरू हो गया था। जनरल ओपीडी से लेकर ट्रोमा, हृदयरोग व अन्य ओपीड़ी में चिकित्सकों के नही होने से मरीजों को समस्या हुई, खास बात ये कि बाहरी क्षेत्रों से यहां आने वाले मरीजों को ये जानकारी नहीं थी, कि चिकित्सक हड़ताल पर हैं। आपातकालीन सेवाएं भी चरमराई तो इमरजेंसी ओपीड़ी में बैठे चिकित्सक भी इक्के-दुक्के मरीज ही देखते रहे।
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ये रहे हालात: मनोरोग विभाग

यहां मरीज चिकित्सकों का इन्तजार करते रहे, कुछ एेसे मरीज थे जो दूर दराज से आए थे जिन्हें चिकित्सकों से अगले माह की दवाइयां लिखवानी थी। कुछ एेसे थे जो भर्ती होने आए थे तो कुछ एेसे थे जो अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे थे। यहां तितरड़ी से आए केसर भाई ने बताया कि वे नौ बजे यहां पहुंच गए थे, लेकिन डॉक्टर नहीं होने से इन्तजार कर रहे हैं, उन्हें दवाई लिखवानी है। डूंगरपुर जिले के पूंजपुर से आए दलपतसिंह ने बताया कि वह पूरी रात सो नहीं पाए इसलिए देर रात को यहां आ गए थे, साथ में सजुबाई ने बताया कि डॉक्टर नहीं होने से उनका पूरा दिन खराब होगा, वहीं उनके पति की तबीयत और बिगड़ सकती है। मंगलवाड़ चौराहे से आए नाथू ने बताया कि वह सुबह नौ बजे यहां आ गए थे। साथ में डाकी बाई भी पहुंची थी।

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