टीम में शामिल सूचना सचिव छवांग डोलमा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 10 दिसंबर, 2017 से भारत के तीन स्थानों धर्मशाला, सिलीगुड़ी और चेन्नई से तिब्बतियन यूथ कांग्रेस के दो-दो सदस्यों के दल भारत जागरण यात्रा पर निकले हैं। इनमें से हमारा दल चेन्नई से रवाना हुआ है। यह दल देश के आठ राज्यों के 24 शहरों में भ्रमण करते हुए नौवें राज्य राजस्थान में आया है। इस यात्रा के माध्यम से भारतीय लोगों को तिब्बत के बारे में बताने के साथ ही चीन द्वारा यहां किए गए कब्जे और भारत सरकार द्वारा इसके पक्ष में रणनीति बनाने की अपील की जा रही है। तिब्बतियन ने किया चीनी माल का बहिष्कार दल में शामिल पेंपा सिरिंग ने बताया कि देश के विभिन्न शहरों में तिब्बतियन व्यवसायियों के 200 बाजार लगे हैं। इन व्यवसायियों ने चीनी माल का बहिष्कार कर दिया है। इसके साथ ही भारतीय लोगों से भी अपील की जाती है कि वे भी चीनी माल का बहिष्कार करें। उन्होंने सरकार से चीन के माल पर बैन लगाने की भी मांग की।
READ MORE : गृहमंत्री कटारिया ने यूआईटी में ली समीक्षा बैठक, आयड़ नदी के विकास को लेकर लिया ये बड़ा निर्णय 162 लोगों ने किया आत्मदाह छवांग ने बताया कि तिब्बत को चीन से स्वतंत्र करवाने के लिए विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में बसे 162 तिब्बतियन लोगों ने आत्मदाह किया है। उन्होंने बताया कि यात्रा के माध्यम से चीन के विरोध में भारतीय लोगों से हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से करीब 10 लाख लोगों से हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं। यह है अपील विधानसभा में तिब्बत के मुद्दे उठाने के लिए विधायकों और जनप्रतिनिधियों से आग्रह करना, भारत सरकार से अपील की करते हैं कि तिब्बत नीति की समीक्षा कर इस बात को मान्यता दे कि तिब्बत एेतिहासिक रूप से एक स्वतंत्र देश था, जिस पर चीन ने कब्जा कर रखा है। भारतीय जनता और तिब्बतियन चीनी माल का बहिष्कार करें।