डॉ. सुशील कुमार सिंह/ उदयपुर . शिवपुरी-कोटा-भीलवाड़ा-चित्तौडगढ़़ वाया उदयपुर- पिण्डवाड़ा (एनएच-76) राष्ट्रीय राजमार्ग पर एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की देखरेख में टोल वसूली से वाहन मालिकों के साथ खुलेआम ठगी हो रही है। उदयपुर और पिण्डवाड़ा के बीच दो जगहों पर टोल वसूली के बावजूद वाहन चालकों को मानदण्डों के अनुरूप सरपट सडक़ सुविधा मुहैया कराने में एनएचएआई प्रशासन पूरी तरह विफल साबित हो रहा है।
बेकरिया के मालेरा टोल से पहले करीब 25 किलोमीटर का टुकड़े में डामर रहित कंक्रीट वाली सडक़ दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही है। इसके अलावा मार्ग के किनारे खड़ी जंगली झाडिय़ां, सडक़ किनारों पर लैण्ड स्लाइडिंग (दरक कर गिर आई चट्टानें), घने वृक्षों की आड़ में छिप गए सूचना पट्ट, सेंट्रल और किनारे की लाइनिंग और सीसी पुलियों से सटी डामर सडक़ के धंसे हुए नहीं दिखने वाले गड्ढों के झोल वाहन चालकों को टोल चुकाने के बावजूद दुर्घटना की ओर धकेल रही है, वहीं उनके वाहनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
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ऐसा नहीं है कि यह सच एनएचएआई से छिपा हुआ है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर हर स्तर पर चुप्पी साधी हुई है। लोगों की इस परेशानी को समझने के लिए राजस्थान पत्रिका ने मौका देखा तो चौंकाने वाला हाल सामने आया। उदयपुर-गोगुंदा मार्ग पर (बीएसएफ हेड क्वार्टर) को 0/0 किलोमीटर मानते हुए (मालेरा टोल) 76.5/0 किलोमीटर तक पड़ताल की तो हालात बेहद विकट मिले।
ऐसा नहीं है कि यह सच एनएचएआई से छिपा हुआ है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर हर स्तर पर चुप्पी साधी हुई है। लोगों की इस परेशानी को समझने के लिए राजस्थान पत्रिका ने मौका देखा तो चौंकाने वाला हाल सामने आया। उदयपुर-गोगुंदा मार्ग पर (बीएसएफ हेड क्वार्टर) को 0/0 किलोमीटर मानते हुए (मालेरा टोल) 76.5/0 किलोमीटर तक पड़ताल की तो हालात बेहद विकट मिले।
जिम्मा कंपनी का
सडक़ से जुड़ी शर्तों की पालना करना टोल कंपनी की जिम्मेदारी है। हर हाल में उसे संबंधित कार्य करना होगा। बेकरिया के आगे वाले हिस्से में खराब सडक़ पर ओवरलेप की आवश्यकता है। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजे हुए हैं। आने वाले महीनों में मंजूरी के साथ संबंधित हिस्से को दुरुस्त किया जाएगा।
वी.एस. मील, प्रबंध निदेशक, एनएचएआई, उदयपुर
सडक़ से जुड़ी शर्तों की पालना करना टोल कंपनी की जिम्मेदारी है। हर हाल में उसे संबंधित कार्य करना होगा। बेकरिया के आगे वाले हिस्से में खराब सडक़ पर ओवरलेप की आवश्यकता है। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजे हुए हैं। आने वाले महीनों में मंजूरी के साथ संबंधित हिस्से को दुरुस्त किया जाएगा।
वी.एस. मील, प्रबंध निदेशक, एनएचएआई, उदयपुर