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सरकार के दावे यहां खोखले साबित हो रहे, मांगे थे 21 ट्रांसफार्मर, 45 दिन बाद मिले 11 ही

locationउदयपुरPublished: Dec 14, 2017 01:05:58 pm

Submitted by:

Hansraj Sarnot

फलासिया. सरकार 72 घंटे में खराब ट्रांसफार्मर बदलने का दावा करती है, जबकि झाड़ोल क्षेत्र के हालात कुछ और ही बयां करते हैं।

transformer supplies in falasiya udaipur
फलासिया. सरकार 72 घंटे में खराब ट्रांसफार्मर बदलने का दावा करती है, जबकि झाड़ोल क्षेत्र के हालात कुछ और ही बयां करते हैं। झाड़ोल ब्लॉक में सवा महीने से खराब पड़े 52 ट्रांसफार्मर में से 11 ट्रांसफार्मर बुधवार तक बदले जा सके। इस अवधि में 21 अन्य खराब ट्रांसफार्मर झाड़ोल निगम कार्यालय पहुंच गए।
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ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं होने का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। उपभोक्ता लंबे समय से कनेक्शन का इंतजार कर रहे है। ये हालात तब है जब विभाग नए ट्रांसफार्मर के बजाय खराब की मरम्मत कर भेज रहा है। गत सप्ताह 5 दिसंबर को राजस्थान पत्रिका ने ‘झाड़ोल ब्लॉक के 700 से ज्यादा घरों में बिजली नहीं’ शीर्षक से खबर प्रकाशित करते हुए एक माह से खराब पड़े 50 से ज्यादा ट्रान्सफार्मर की समस्या प्रकाश में लाई थी। खबर प्रकाशित होने के बाद मंगलवार को ट्रान्सफार्मर तो पहुंचे, लेकिन ऊंट के मुंह में जीरा।
मांग के मुकाबले कम भेजे गए ट्रान्सफार्मर से स्थानीय इंजीनियरों के सामने प्राथमिकता की चुनौती खड़ी हो गई। दूसरी तरफ इन आठ दिनों में ही ब्लॉक के 21 खराब विद्युत ट्रान्सफार्मर भी झाड़ोल कार्यालय पहुंच गए। इन उपभोक्ताओं को निगम के 72 घंटे में ट्रान्सफार्मर बदलने के दावे के विपरित कितने महीनों में विद्युत ट्रान्सफार्मर मिल पाएंगे, ये देखने की बात है। सहायक अभियंता अंकुर कश्यप ने बताया कि खराब ट्रान्सफार्मर को भेजे जाने पर जिले से नए आवंटित के बजाय पुराने की ही मरममत कर जिले से नए आवंटित के बजाय पुराने की ही मरममत कर भेजे जाते हैं।
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कितने ट्रांसफार्मर भेजे गए हैं, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। झाड़ोल एईएन से जानकारी जुटा जल्द समाधान करने का प्रयास करूंगा।
एसके सिन्हा, एडिशनल चीफ इंजीनियर, उदयपुर
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