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80 गांव के रोगियों का उपचार एकमात्र चिकित्सक के भरोसे, उठानी पड़ रही परेशानी

locationउदयपुरPublished: Nov 21, 2019 02:34:29 pm

Submitted by:

madhulika singh

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कानोड़ पर 80 गांवों के रोगी निर्भर , तकनीशियन के अभाव में सोनोग्राफी मशीन नाकारा

80 गांव के रोगियों का उपचार एकमात्र चिकित्सक के भरोसे,  उठानी पड़ रही परेशानी

80 गांव के रोगियों का उपचार एकमात्र चिकित्सक के भरोसे, उठानी पड़ रही परेशानी

कानोड़ . कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर क्षेत्र के करीब 80 गांवों के रोगी निर्भर हैंं लेकिन इसमें स्टाफ की कमी के चलते रोगियों को उपचार के लिए भटकने का मजबूर होना पड़ रहा है।
चिकित्सालय में सात चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैंं, जिसमें से एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, मेडिसिन, गायनिक, डेंटिस्ट व एक मेडिकल ऑफिसर का पद रिक्त है। वर्तमान में सर्जन व व चिकित्साधिकारी व एक अन्य चिकित्सक को लगा रखा है। डॉक्टर के साथ ही मेल नर्स की कमी से रोगियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। सात चिकित्सक पद के हिसाब से 14 मेल नर्स होने चाहिए, लेकिन विभाग ने केन्द्र पर मेल नर्स के मात्र सात पद स्वीकृत कर रखे हैं, जो अपर्याप्त हैं। इन दिनों मौसमी बीमारियों के चलते रोगियों की कतारें लग रही हैं। एक मात्र चिकित्सक रोज करीब 400 मरीजों का उपचार कर रहे हैं। गत दिनों राजस्थान पत्रिका में खबर के प्रकाशन के बाद विभाग ने चिकित्सक डॉ. राकेश पुरोहित को केन्द्र पर लगाया। पत्रिका टीम जब अस्पताल पहुंची तो रोगियों की लंबी कतार लगी थी, वहीं वार्ड में रोगी अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। फार्मासिस्ट का एक पद रिक्त होने से मेलनर्स को नि:शुल्क दवाघर में ड्यूटी करनी पड़ रही है। ओपीडी में पर्ची बनाने वाले कर्मचारी के अभाव में एक मेलनर्स को लगा रखा है। संस्थापन शाखा में वरिष्ठ लिपिक का पद रिक्त होने से कई आवश्यक कार्य बाधित हो रहे हैं। केन्द्र पर रेडियोग्राफर नहीं होने से एक्स-रे बंद पड़ी है।
एक चिकित्सक के अवकाश या विभाग की आवश्यक बैठकों में व्यस्त रहने से एक चिकित्सक के भरोसे तीन से चार सौ रोगियों का उपचार है। मरीजों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता है। कई रोगी इलाज करवाए बगैर लौटते हैं। कस्बावासी लम्बे समय से तहसील मुख्यालय पर स्थित इस राजकीय चिकित्सालय में बेड की संख्या 30 से बढ़ाकर 100 करने एवं पर्याप्त स्टाफ लगाने की मांग कर रहे हैं। गत दिनों चिकित्सालय विकास समिति के संरक्षक अनिल भानावत ने जिला कलक्टर आनंदी से भेंट कर इसे 100 बेड के चिकित्सालय में क्रमोन्नत करने की मांग दोहराई थी।
इनका कहना है..
स्टाफ की कमी से परेशानी रहती है, विभाग को लिखा जा चुका है। चिकित्सालय 50 बेड का हो जाता है तो समस्या से काफी हद तक निजात मिल सकती है। सोनोग्राफी मशीन विभाग ने भेज दी लेकिन अनुभवी चिकित्सक के अभाव में स्टोर रूम में पड़ी है। पार्किंग व्यवस्था को सुधारने के लिए नगर पालिका को कई बार लिखा लेकिन ध्यान नहीं दिया गया।
डॉ. आरके सिंह, चिकित्सा अधिकारी एवं प्रभारी चिकित्सालय कानोड़
चिकित्सकों की कमी के चलते रोगियों को समय पर उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे रोगियों के साथ शहरवासियों में खासा आक्रोश है। हमने सरकार को चिकित्सक सहित स्टाफ की कमी दूर करने के लिए लिखा है। जल्द ही समाधान नहीं होता है तो चिकित्सालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
अनिल शर्मा, अध्यक्ष नगर पालिका कानोड़
तीस बेड के हिसाब से मेलनर्स पूरे हैं। नए पदों की स्वीकृत के लिए सरकार से मांग की जाएगी। सोनोग्राफी चलाने वाले के लिए अनुभवी चिकित्सक लगाने का कार्य सरकार का है। यह प्रयास करेंगे कि कोई अनुभवी चिकित्सक लगाया जाए जिससे सोनोग्राफी का संचालन किया जा सके । हमारा पूरा प्रयास है कि चिकित्सालय में रोगियों को कोई परेशानी नहीं हो।
डा. महेन्द्र लोहार, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी भीण्डर
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