डे केयर में जल्द होगा उपचार, अकारण हॉस्पिटल में
नहीं रखेंगे कोरोना मरीजों को

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. अब किसी भी मरीज को अकारण हॉस्पिटल में नहीं रखा जाएगा। सरकार ने आदेश जारी किए है कि कोरोना डे केयर में किसी भी मरीज का जल्द से जरूरी उपचार कर उसे जल्द से जल्द घर भेजकर उसे अनावश्यक तनाव से बचाया जाए। इसे लेकर शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने आदेश जारी किए हैं।
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ये है आदेश
पिछले कुछ समय में प्रदेश में कोविड-19 मरीजों की संख्या मेंं बढ़ोतरी हुई है। आगामी समय में सर्दी बढऩे, पंचायत चुनाव व त्योहारी सीजन, शादी समारोह को देखते हुए संक्रमण बढऩे की आशंका है। विषय विशेषज्ञों से चर्चा और अध्ययनों को देखने के बाद सरकार ने निर्णय लिया है कि वर्तमान में कोविड -19 संक्रमितों में से लॉ रिस्क मरीजों की संख्या अधिक है। उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं हैं। इन्हें मात्र जरूरी दवाइयां देने के लिए चिकित्सालय में भर्ती रखा जा रहा है। इससे मरीजों व उनके परिजनों में कोविड-19 से उत्पन्न तनाव के साथ ही अनावश्यक मानसिक अवसाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है। ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के स्थान पर डे केयर की तर्ज पर ऑब्जर्वेशन में रखते हुए जरूरी दवाइयां देकर घर भेजा जाएगा। इससे उन्हें तनाव से मुक्ति मिलेगी।
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- उक्त स्थिति राजकीय, निजी चिकित्सालयों में संसाधनों के अधिकतम विवेकपूर्ण उपयोग व मरीजों व उनके परिजनों के मानसिकत तनाव को देखते हुए यदि मरीज एसिम्प्टोमेटिक है या उसका सिटी स्कोर 15/25 से कम है और उनक स्थिति स्थिर है या माइल्ट सेम्प्टोमेटिक हैं। जिन्हें कोई गंभीर बीमारी के कारण खतर नहीं है तो उसे घर भेजा जा सकेगा।
- यदि किसी मरीज की उम्र 65 वर्ष है, उसे मधुमेह है। हायपरटेंशन, क्रोनिक लीवर, किडनी की बीमारी, पल्मोनरी डिजिज सहित कोई गंभीर बीमारी हो तो उसे होम आइसोलेशन में रखते हुए कोविड चिकित्सालय, ओपीडी या डे केयर में उपचार किया जाएगा। यहां यह ध्यान रखना होगा कि ऐसे मरीजों के परिजन सभी वाइटल पैरामीटर्स जैसे पल्सरेट, तापमान, व आक्सीजन सेचुरेशन को मॉनीटर करने में समर्थ हो।
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मरीजों को डे केयर सेंटर में उपचार शुरू किए जाने से पहले व नियमित बिन्दुओं का ध्यान रखना होगा।
- मरीज ऑक्सीजन पर निर्भर नहीं हो उसकी स्थिति क्लीनिकली स्थिर हो।
- मरीज के वाइटल पैरामीटर्स जैसे पल्सरेट, रक्तचाप, श्वसन दर व ऑक्सीजन सेचुरेशन तय सीमा में होने चाहिए।
- मरीज को कोई मेजर रिस्क नहीं हो।
- मरीज या उसके परिजन उसके स्वास्थ्य को सक्रिय रूप से मॉनिटर करने में समर्थ हो व डे केयर में उपचार की सहमति भी प्रदान की जाए। स्क्रीनिंग में यदि कोई मरीज विपरीत लक्षण वाला सामने आता है तो उसे तत्काल भर्ती किया जाएगा।
- ऐसे मॉडरेट मरीज जिन्हें तेज बुखार है, छाती में दर्द है या ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 प्रतिशत से कम है, जिनका सीटी सिवयरली 10/25 है तो उपचार कोविड अस्पताल मे भर्ती कर किया जाएगा।
जरूरत पर तत्काल उपचार
डे-केयर में मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा, इसकी पूरी तैयारी कर रहे हैं। कोशिश ये रहेगी कि किसी भी प्रकार से कोई मरीज अनावश्यक परेशान नहीं हो। जरूरत पडऩे पर उसे वहां तत्काल उपचार मुहैया करवाएंगे।
डॉ. लाखन पोसवाल, प्राचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज
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