उदयपुर

VIDEO : ”मैं तुलसी तेरे आंगन की” से ”मैं तुलसी तेरे खेतों की”, पढ़िए तुलसी की यह दिलचस्प खबर ..

www.patrika.com/rajasthan-news

उदयपुरNov 23, 2018 / 04:51 pm

Sikander Veer Pareek

हेमंत आमेटा/भटेवर. उदयपुर जिले के भटेवर, खालातोड़, नवानिया, खोखरवास, रुन्डेडा, करणपुर, दरोली, ढावा सहित आस-पास के गांवों के खेत देखने में भले ही आम दिखते हैं, लेकिन यहां किसानों के प्रयास बहुत खास हैं। मेवाड़ अंचल के खेत खलिहानों में समय के साथ फसलों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। किसान पारम्परिक खेती छोडकऱ आधुनिक तौर-तरीकों से अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की बुवाई करने लगे हैं। धार्मिक और औषधि महत्व से जुड़ी तुलसी की फसल इन दिनों किसानों को खुशहाल बना रही है। कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली तुलसी की फसल से किसानों को प्रति क्विंटल 8 से 9 हजार रुपए मिल रहे हैं। बाजार में भाव अधिक होने पर तो 10 से 15 हजार रूपए तक मिल जाते हैं।
तुलसी की फसल किसी भी खेत में आसानी से उपज सकती है, इस फसल में एक या दो बार सिंचाई की जरूरत पड़ती है, जो बारिश के दिनों में आसानी से हो जाती है। अलग से किसानों को सिंचाई नही करनी पड़ती है। जिससे कम खर्च होने के साथ समय की भी बचत होती है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि तुलसी का पौधा अत्यधिक सुगन्धित होने से मवेशी भी इसके आस पास नहीं आते हैं। रोजड़े भी इसे नुकसान नहीं पहुंचाते। क्षेत्र के गांवों में गेहूं, मक्का, जौ, चना और सरसों की पारंपरिक फसलों के बजाय किसान तुलसी की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
 

READ MORE : हार्दिक पटेल 30 को उदयपुर के सल्लाड़ा में, किसान महापंचायत को करेंगे संबोधित …

 

धार्मिक और औषधीय महत्व
तुलसी का वानस्पतिक नाम ओसीमम बेसिलिकम, ओसीमम एंक्टम होकर इसकी उत्पत्ति भारत से ही हुई है। तुलसी पौधा हरा एवं बैंगनी रंग का होता है, जिसको आम भाषा में श्री, कृष्णा, राम व श्याम के रूप में भी जाना जाता है। वैज्ञानिक महत्व के रूप में यह पौधा अति सुक्ष्म जैविक व विषाणु रोधी गुण रखता है, जो सामान्य बीमारियों से बचाता है। तुलसी 24 घण्टे ऑक्सीजन के उत्सर्जन में सक्षम है। इसके पौधे व बीजों से औषधियां बनती है। आयुर्वेद में इसे कफ, डायरिया, त्वचा रोग श्वासन रोग, हैजा व मलेरिया आदि के उपचार में अहम माना गया है।

पांच सौ हेक्टेयर में खेती
कृषि अधिकारी मदनसिंह शक्तावत ने बताया कि पंचायत समिति भीण्डर की ग्राम पंचायतों में 500 हेक्टेयर जमीन पर तुलसी की खेती की जा रही है। देखभाल में ज्यादा परेशानी नहीं होने से किसानों को तुलसी की खेती पसंद आ रही है। किसानों को एक बीघा में 2-3 क्विंटल की पैदावार होती है। बाजार मूल्य अधिक रहने पर प्रति बीघा 25-30 हजार रुपए की आय होती है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.