कैदियों के सामान मेंं तम्बाकू , गुटखा, बीड़ी व सिगरेट हॉस्पिटल के कैदी वार्ड के बाहरी हिस्से में पड़े एक पलंग पर कैदियों का सामान रखा था, इसमें उनके बेल्ट व कुछ कपड़े पड़े थे, लेकिन खास बात ये है कि उस सामान में कैदियों को आसानी से तम्बाकू , गुटखा, बीड़ी व सिगरेट मुहैया करवाया जा रहा है। ये सामग्री हॉस्पिटल परिसर में पलंग पर पड़ी थी। दो पुलिसकर्मी कैदी वार्ड में बैठे थे।
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हॉस्पिटल के अंदर प्रवेश करते ही आपातकालीन चिकित्सा कक्ष था, लेकिन उस कक्ष में कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था। इसके अलावा ओपीडी में अलग-अलग कक्ष में गिने-चुने चिकित्सक व रेजिडेंट्स नजर आए, लेकिन यहां कोई मरीज नहीं दिखा। जनरल ओपीडी में डॉ. जेपी बुनकर, शिशु रोग में डॉ. डीएस धाकड़ व गायनिक में डॉ. भुवनेश चंपावत व एक अन्य चिकित्सक जरूर दिखे, लेकिन पूरे चिकित्सालय में कोई भी सीनियर चिकित्सक नजर नहीं आया। हॉस्पिटल के रिकॉर्ड के अनुसार यहां एक माह में करीब नौ हजार की ओपीडी है, यानी प्रतिदिन 300 मरीजों का आउटडोर, लेकिन जब पत्रिका टीम यहां पहुंची तो आउटडोर में एक भी मरीज नहीं था। स्टाफ ने बताया कि अधीक्षक आरएनटी में किसी काम से गए हैं।
– सहायक प्रशासनिक अधिकारी से लेकर यहां ऊपरी मंजिल पर एक भी मंत्रालयिक कार्मिक नजर नहीं आया। – विभिन्न वार्डों के आगे जगह-जगह पर कबाड़ भरा पड़ा है।
– यहां 55 नर्सेज कार्यरत है।
– यहां करीब 14 चिकित्सक कार्यरत है, वहीं एमबी हॉस्पिटल से मेडिसीन 1, शिशुरोग 1, सर्जरी 1, एनेस्थेसिया व जनाना के 3 चिकित्सकों को भी लगाया गया है।
दूर करेंगे कमियां जो-जो कमियां हंै, उन्हें जल्द दूर करेंगे। कुछ चिकित्सकों के अवकाश पर चलने के कारण आरएनटी से आए चिकित्सक व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं।
डॉ. राहुल जैन, अधीक्षक, सुन्दरसिंह भंडारी जिला अस्पताल