—- यह हुई घटना वर्तमान में बाल चिकित्सालय में ग्राउन्ड फ्लोर से लेकर चौथी मंजिल तक चार नर्सरी है। सबसे ऊपरी चौथी मंजिल की नर्सरी में ब़ुधवार को करीब २० नवजात भर्ती थे। सुबह बाहर एमसीबी ट्रीप होने से साढे़ सात बजे बिजली बंद हो गई। एेसे में कु छ देर के लिए यहां अफरा-तफरी मच गई। यहां से कुछ बच्चों को तत्काल नीचे ग्राउण्ड फ्लोर वाली नर्सरी में शिफ्ट किया गया। हालांकि किसी भी बच्चे को कोई परेशानी नहीं हुई।
—– देरी से चेते… – विभागाध्यक्ष डॉ विवेक अरोड़ा ने बताया कि बिजली जाते ही जरूरत के अनुसार काम कर दिए गए थे, बच्चों को शिफ्ट कर दिया गया था। किसी को कोई परेशानी नही होने दी।
– देश में राजकोट व अहमदाबाद के बाल चिकित्सालयों में पहले शोर्ट सर्किट से आग तक लग चुकी है। एेसे में इस तरह की लापरवाही बरतना हादसे को न्योता देना ही है, जबकि सरकार ने इस तरह की घटनाओं को लेकर पहले से चेता दिया है।
– सार्वजनिक निर्माण विभाग की भी जिम्मेदारी है कि एमबी के अन्र्तगत आने वाले सभी चिकित्सालयों की बिजली लाइन को समय-समय पर जांच करेंं। करीब एक साल पहले भी एमबी हॉस्पिटल के आईसीयू के पीछे के हिस्से में शोर्ट सर्किट से आग लग चुकी है।
– बिजली गुल होने के समय इस नर्सरी में बीस बच्चे थे, जबकि यहां से पांच बच्चों को तत्काल दूसरी नर्सरी में शिफ्ट किया गया था। —- हां बिजली जाने की सूचना मिली थी, तत्काल इंजीनियर को बुलाकर बिजली को ठीक करवा दिया था। कई बार बिजली उपकरणों के दबाव में एेसा होता है। हालांकि किसी भी प्रकार की कोई बड़ी समस्या नहीं होना हमारे लिए बेहतर रहा। यहां वेंटिलेटर्स के लिए तो बेकअप है, यदि बिजली जाती
डॉ आरएल सुमन, अधीक्षक एमबी हॉस्पिटल