अभिजीत मुहूर्त में मंत्रोच्चार व परम्परागत वाद्य यंत्रों के साथ भगवान महाकालेश्वर के विग्रह रूप को रजत पालकी में बैठा मंदिर परिसर में परिक्रमा की गई, इसमें भक्तों व महिलाओं ने महाकाल के जयकारों व भजन नृत्य प्रस्तुत करते हुए पुन: सभा मण्डप में विराजित कराया और आरती की। प्रन्यास अध्यक्ष तेजसिंह सरूपरिया ने बताया कि अगले सोमवार को प्रभु महाकालेश्वर को वन भ्रमण कराया जाएगा। कार्यक्रम की व्यवस्था में दीक्षा भार्गव, चन्द्रवीर सिंह राठौड़, पन्नालाल कटारिया, भंवरलाल पालीवाल, भूपेन्द्र धाबाई आदि का सहयोग रहा।