कोलकाता के शांति निकेतन के नियाज मजूमदार ने मोलेला शैली को आधार बना कर अपना पृथक डेकोरेटिव सृजन किया।
समापन अवसर मोलेला के राजेन्द्र कुम्हार, बांसवाड़ा की शिल्पकार मीना, सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय की छात्रा युक्ति शर्मा ने कार्यशाला के अनुभव साझा किए। विशेषज्ञ नियाज मजूमदार ने कार्यशाला को सीखने का माध्यम बताते हुए इस विधा पर निरन्तर कार्य करने की सीख दी। केन्द्र निदेशक गुप्ता ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए।
समापन अवसर मोलेला के राजेन्द्र कुम्हार, बांसवाड़ा की शिल्पकार मीना, सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय की छात्रा युक्ति शर्मा ने कार्यशाला के अनुभव साझा किए। विशेषज्ञ नियाज मजूमदार ने कार्यशाला को सीखने का माध्यम बताते हुए इस विधा पर निरन्तर कार्य करने की सीख दी। केन्द्र निदेशक गुप्ता ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए।