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पुरखों की हवेली ने किया रोमांचित

locationउदयपुरPublished: May 23, 2022 09:48:20 pm

पुरखों की हवेली ने किया रोमांचित

पुरखों की हवेली ने किया रोमांचित

पुरखों की हवेली ने किया रोमांचित

भारतीय लोक कला मण्डल में रविवार को नाटक पुरखों की हवेली का मंचन किया गया।भारतीय लोक कला मण्डल एवं दी परफोरमर्स कल्चरल सोसायटी, उदयपुर के साझे में संस्था में गत10 अप्रेल से प्रस्तुति परक नाट्य कार्यशाला का समापन नाटक पुरखों की हवेली के मंचन के साथ किया गया।कार्यशाला में नाटक के विविध पहलुओं को बताने के साथ-साथ नाट्य लेखन की बारिकियों पर भी काम किया गया जिसमें निर्देशक कविराज लईक द्वारा एक कथानक तय किया गया। जिसके पश्चात प्रतिभागियों से नाटक का लेखन करवाया गया जिसमें प्रतिभागियों ने स्वयं ही अपने दृश्य बनाने के साथ-साथ संवादों का लेखन भी किया। यह नाटक राजस्थान के एक गाँव की पुरानी हवेली से प्रारम्भ होता है, जो कई दशकों से खाली पड़ी है। कहानी का यह सार घटना क्रम और उत्पन्न होने वाली परिस्थितियां दर्शकों को कभी गुदगुदाती है तो कभी अचंभित और रोमांचित करती है। यह नाटक राजस्थान के एक गाँव की पुरानी हवेली से प्रारम्भ होता है जो कई दशकों से खाली पड़ी है
नाटक की मुख्य भूमिका में प्रिंस – इशांन नायक, आदिमानव – दीपेन्द्र चुण्डावत, दिव्यांक्ष नागदा, हुसैन आर.सी., सुमिसिंह – रिया परमार, गोटिया- दिशांत पटेल, पाँडे – रोहित राठौड, सुमन पांडे के किरदार में पायल मेनारिया, मेहता सहाब – भवय इंटोदिया, पंडित के किरदार में चक्षु बसंल, दूध वाले की भूमिका में रमन कुमार, आर्किटेक्ट – आयूशी सुथार, सैनिक की भूमिका में मनन सिंह, राजा की भूमिका में सिद्धार्थ शर्मा, सहायक किरादरों में धेर्या व्यास, ध्वनि व्यास, युक्ता सिंह, प्रियल जानी थे तो ध्वनि पर कल्याण वैष्णव और प्रकाश पर राजकुुमार मोंगिया थे। नाटक का निर्देशन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक कविराज लई़क ने किया था
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