हर सवाल का जवाब दिया चौधरी ने उदयपुर स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ कमर चौधरी ने कहा कि उन्होंने आयड़ को लेकर उदयपुर के ही एक्सपर्ट की कमेटी बनाई थी। कंपनी इस पर काम कर रही है। पत्रिका ने यह आयोजन कर जनता के सुझाव हमारे सामने रखे। हमारा मकसद भी यही है कि जनता के समग्र सुझाव सामने आए, फिर कदम आगे बढ़ाए जाएं ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी प्रोजेक्ट में नहीं आए। बैठक में चौधरी ने प्रोजेक्ट को लेकर अपनी तकनीकी व प्रशासनिक बात रखी और सरकार व कंपनी के प्रोजेक्ट को लेकर जो भी चुनौतियां व सवाल वक्ताओं की ओर से किए गए उसके तथ्यों के साथ जवाब दिए।
ये भी उपस्थित थे कार्यक्रम में उप महापौर लोकेश द्विवेदी, यूसीसीआई के पी.एस. तलेसरा, सचिव प्रतीक हिंगड़,जी.एस. सिसोदिया, नगर निगम के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अरुण व्यास, यूआईटी के एक्सईएन नीरज माथुर, आरयूडीआईपी के एक्सईएन रामपाल जीनगर, एनएलसीपी के टीम लीडर बी.एल. कोठारी, स्मार्ट सिटी से प्रसून चतुर्वेदी, जलदाय विभाग के एक्सईएन संजय श्रीवास्तव, किशोर कच्छावा, फील्ड क्लब के उपाध्यक्ष उमेश मनवानी, नगर निगम स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष ओम चित्तौड़ा, पार्षद अतुल चंडालिया, सरपंच विमल भादविया, येवंती कुमार बोलिया, अनुरोध प्रशांत, अधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल, दिनेश गुप्ता, रामकृपा शर्मा, अशोक सिंघवी, वसीम खान, राजकुमारी गांधी, रेखा भाणावत, सुरभि धींग आदि उपस्थित थी।
यह विचार आए सामने आयड़ प्रोजेक्ट उदयपुर के नागरिकों के सुझाव व सहयोग से ही साकार हो सकता है। हमारी टीम पूरी मेहनत के साथ इस पर काम कर रही है। हम जनता की भागीदारी के साथ ही इस प्रोजेक्ट को साकार करना चाहते हैं। जरूर आयड़ बदलेगी।
– कमर चौधरी, सीईओ-स्मार्ट सिटी
– कमर चौधरी, सीईओ-स्मार्ट सिटी
तो नया पर्यटन केन्द्र होगा
आयड़ साफ-सुथरी होगी और इसमें हर समय पानी बहेगा तो यह नया पर्यटन केन्द्र होगा। आयड़ के विकास को लेकर यूसीसीआई परिवार के सदस्यों ने भी पूरा सहयोग दिया और हर समय साथ है। यह प्रोजेक्ट साकार हो, इसके लिए हम उदयपुर के साथ है।
आयड़ साफ-सुथरी होगी और इसमें हर समय पानी बहेगा तो यह नया पर्यटन केन्द्र होगा। आयड़ के विकास को लेकर यूसीसीआई परिवार के सदस्यों ने भी पूरा सहयोग दिया और हर समय साथ है। यह प्रोजेक्ट साकार हो, इसके लिए हम उदयपुर के साथ है।
– रमेश कुमार सिंघवी, अध्यक्ष यूसीसीआई
प्रोजेक्ट के लिए स्वतंत्र एजेंसी हो इस प्रोजेक्ट पर जो काम करता है, उसका तबादला हो जाता है। कभी यूआईटी, नगर निगम व कभी स्मार्ट सिटी इस प्रोजेक्ट को देखते हैं। ऐसे में प्रोजेक्ट अटक जाता है। जरूरत है कि आयड़ प्रोजेक्ट के लिए स्वतंत्र एजेंसी हो या जिसको जिम्मेदारी दे रखी है वह पूरा प्रोजेक्ट पूरा कराए, ऐसी बाध्यता सरकार रखे।
– के.एस. मोगरा, उद्योगपति
प्रोजेक्ट के लिए स्वतंत्र एजेंसी हो इस प्रोजेक्ट पर जो काम करता है, उसका तबादला हो जाता है। कभी यूआईटी, नगर निगम व कभी स्मार्ट सिटी इस प्रोजेक्ट को देखते हैं। ऐसे में प्रोजेक्ट अटक जाता है। जरूरत है कि आयड़ प्रोजेक्ट के लिए स्वतंत्र एजेंसी हो या जिसको जिम्मेदारी दे रखी है वह पूरा प्रोजेक्ट पूरा कराए, ऐसी बाध्यता सरकार रखे।
– के.एस. मोगरा, उद्योगपति
प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो
आलू फैक्ट्री से लेकर ठोकर चौराहा तक के पायलट प्रोजेक्ट पर काम शुरू करना चाहिए। इसमें दूरी कम ज्यादा भी की जा सकती है, लेकिन एक शुरुआत तो होनी चाहिए, इसमें जो चुनौतियां सामने है उनका भी निराकरण है। प्रयास किया है। परिणाम भी अच्छे आएंगे।
आलू फैक्ट्री से लेकर ठोकर चौराहा तक के पायलट प्रोजेक्ट पर काम शुरू करना चाहिए। इसमें दूरी कम ज्यादा भी की जा सकती है, लेकिन एक शुरुआत तो होनी चाहिए, इसमें जो चुनौतियां सामने है उनका भी निराकरण है। प्रयास किया है। परिणाम भी अच्छे आएंगे।
– राजेन्द्र कुमार सिंघवी, धातुकर्म इंजीनियर
हैरिटेज का भी रखें ध्यान आयड़ नदी की सुंदरता के साथ-साथ इसके हैरिटेज व पु
रा महत्व का भी पूरा ध्यान रखना होगा। इसके विकास के प्रोजेक्ट में पुरा महत्व से जुड़े लोगों को भी साथ रखना चाहिए।
– भानु कपिल, इतिहासकार
हैरिटेज का भी रखें ध्यान आयड़ नदी की सुंदरता के साथ-साथ इसके हैरिटेज व पु
रा महत्व का भी पूरा ध्यान रखना होगा। इसके विकास के प्रोजेक्ट में पुरा महत्व से जुड़े लोगों को भी साथ रखना चाहिए।
– भानु कपिल, इतिहासकार
स्वरूप यथावत हो
आयड़ का जैसा स्वरूप है वैसा ही रखा जाए, लेकिन इसमें 365 दिन पानी भरा रहे। नदी में जो अतिक्रमण है उसे हटाया जाए और हर क्षेत्र में इसके जो जानकार है उनकों साथ लेकर चला जाए। साथ ही कार्य समय सीमा में पूरा हो।
आयड़ का जैसा स्वरूप है वैसा ही रखा जाए, लेकिन इसमें 365 दिन पानी भरा रहे। नदी में जो अतिक्रमण है उसे हटाया जाए और हर क्षेत्र में इसके जो जानकार है उनकों साथ लेकर चला जाए। साथ ही कार्य समय सीमा में पूरा हो।
– मधु सरीन
गंदगी रोकी जाए
आयड़ में फैलने वाली गन्दगी को पहले रोका जाए, सीसीटीवी से निगरानी की जाए। नदी के बहाव क्षेत्र व आसपास के क्षेत्रों में जागरूकता के आयोजन हो। नदी के किनारे पाथ वे व पार्क बनाए जाए।
गंदगी रोकी जाए
आयड़ में फैलने वाली गन्दगी को पहले रोका जाए, सीसीटीवी से निगरानी की जाए। नदी के बहाव क्षेत्र व आसपास के क्षेत्रों में जागरूकता के आयोजन हो। नदी के किनारे पाथ वे व पार्क बनाए जाए।
– पंकज कुमार शर्मा
वर्षभर भरा रह सकता है पानी वेपकोस ने डीपीआर में सुझाव दिया कि आयड़ में वर्षभर पानी भरा रखा जा सकता है बशर्ते कि मदार बड़ा, मदार छोटा, बड़ी, लखावली, फतहसागर व पिछोला से पानी छोड़ कर आयड़ के एनीकट भरे जाए। साथ ही सख्त हिदायत दी गई कि लखावली तालाब को एनीकट भरने के लिए रिजर्व रखा जाएगा, दूसरी तरफ जलापूर्ति का संकट भी सामने है।
– महेश शर्मा
वर्षभर भरा रह सकता है पानी वेपकोस ने डीपीआर में सुझाव दिया कि आयड़ में वर्षभर पानी भरा रखा जा सकता है बशर्ते कि मदार बड़ा, मदार छोटा, बड़ी, लखावली, फतहसागर व पिछोला से पानी छोड़ कर आयड़ के एनीकट भरे जाए। साथ ही सख्त हिदायत दी गई कि लखावली तालाब को एनीकट भरने के लिए रिजर्व रखा जाएगा, दूसरी तरफ जलापूर्ति का संकट भी सामने है।
– महेश शर्मा
ये आए प्रमुख सुझाव
– नदी को नदी के रूप में रखा जाए, पक्के नाले का रूप नहीं दिया जाए – भूजल स्तर का पुनर्भरण जरूरी
– जनता की भागीदारी पूरे प्रोजेक्ट में रहे – आयड़ के प्रति लोग भी सोच बदले
– एनिकट के ऐसे डिजाइन किए जाए की बाढ़ की स्थिति में तत्काल नियंत्रण किया जा सके
– नदी को नदी के रूप में रखा जाए, पक्के नाले का रूप नहीं दिया जाए – भूजल स्तर का पुनर्भरण जरूरी
– जनता की भागीदारी पूरे प्रोजेक्ट में रहे – आयड़ के प्रति लोग भी सोच बदले
– एनिकट के ऐसे डिजाइन किए जाए की बाढ़ की स्थिति में तत्काल नियंत्रण किया जा सके
– स्थानीय आर्किटेक्ट व इंजीनियरों को साथ रखा जाए।