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उदयपुर: होम लोन तो सस्ता पर पेंशनर्स की हालत खस्ता, बैंक अब पेंशनर्स को 10 की जगह 6 प्रतिशत ही दे रहे ब्याज

locationउदयपुरPublished: Nov 09, 2017 11:41:17 am

Submitted by:

Bhagwati Teli

उदयपुर . नोटबंदी से होम लोन की ब्याज दरों में तो 2 प्रतिशत तक की कमी आई है, लेकिन पेंशनर्स को इसका भारी नुकसान हुआ है।

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उदयपुर . नोटबंदी से होम लोन की ब्याज दरों में तो 2 प्रतिशत तक की कमी आई है, लेकिन पेंशनर्स को इसका भारी नुकसान हुआ है। पेंशनर्स को पूर्व में पीएफ, ग्रेच्यूटी के पैसे पर 10 प्रतिशत तक ब्याज दिया जाता था, जो अब बैंकों ने घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया है। वहीं एफडी पर सर्वाधिक 7 प्रतिशत तक ब्याज दिया जाता है।
बैंकों का मानना है कि अगर ग्रेच्यूटी और पीएफ पर 6 प्रतिशत से अधिक ब्याज दिया गया तो लोग लोन लेकर एफडी करवा सकते हैं। ज्यादातर सरकारी बैंकों ने होम लोन मार्जिन कोस्ट लैंड रेट (एमसीएलआर) 9.50 से घटाकर 8 प्रतिशत कर दी है।
बैंक करीब 8.30 से 8.65 प्रतिशत ब्याज दर से लोन दे रहे हैं। नोटबंदी से करंट एकांउटस और सेविंग एकाउटस (कासा) के बैलेंस में भारी वृद्धि हुई है। पहले की अपेक्षा बैंकों की ऋण देने की क्षमता दोगुना से अधिक हो गई है। डिपोजिट क्षमता को देखा जाए तो अभी होम, मॉरगेज और पर्सनल लोन की ब्याज दर 2 से 3 प्रतिशत तक कम और की जानी चाहिए।
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कैशबुक में मर्ज हो गया कालाधन
कई विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि नोटबंदी से सिर्फ सामान्य लोगों को परेशानी हुई। कालाधन रखने वाले धनाढ्यों और उद्योगपतियों ने कैशबुक में सब पैसा सेटल कर दिया। इससे उनको और अधिक लाभ हुआ। नई करंसी छापने में देश पर अरबों रुपए का अतिरिक्त भार पड़ा। सामान्य लोगों को नोटबंदी से अभी तक कोई प्रत्यक्ष लाभ नहीं मिला है।

पर्सनल लोन अब भी महंगा
पर्सनल लोन की सभी बैंकों ने अलग-अलग ब्याज दर तय कर रखी है। पर्सनल लोन पर कई बैंक तो 15 प्रतिशत से अधिक ब्याज दर ले रहे हैं। फाइलिंग चार्ज भी ऋण लेने वाले को काफी महंगा पड़ता है। कई निजी बैंकों का फाइलिंग चार्ज 5 हजार रुपए तक है। कई बैंक एक लाख रुपए के पर्सनल लोन के दो साल में ग्राहक को करीब पौने दो लाख तक वापस ले रहे हैं।

जीएसटी से घर बनाना हुआ महंगा
होम लोन भले ही कम हो हुआ परन्तु सभी निर्माण सामग्रियों पर जीएसटी लागू हो गई है। जानकारों के अनुसार अब घर बनाना महंगा हो गया है। निर्माण सामग्री के दामों में अब सेल टैक्स के साथ ही जीएसटी जुड़ रहा है। जीएसटी ने निर्माण को महंगा कर दिया है।
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नोटबंदी से बैंकों के पास पैसा बढ़ा है। होम लोन पहले की तुलना में सस्ता हो गया है। नोटबंदी का असर अच्छा माना जा सकता है। बैंक पहले की तुलना में अधिक लोगों को लोन दे सकते हैं। आसानी से लोन मिल जाने से अब लोग लोन लेकर स्टार्टअप कर सकते हैं। उद्योग जगत को बैंकों से पैसा मिलेगा तो रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।
ब्रज किशोर, प्रबंधक, ट्रेजरी शाखा एसबीआई उदयपुर

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