उदयपुर. दक्षिण पूर्वी यूरोप, सेंट्रल एशिया, तिब्बत, चीन व मंगोलिया से आने वाला ब्राह्मिणी डक (शेलडक) सबसे पहले पहुंचने वाले प्रवासी पक्षियों में से एक है। सर्दी की दस्तक के साथ ही लंबी दूरी के पक्षी भारत के विभिन्न जलाशयों की ओर प्रवास करना शुरू कर देते हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार भारत के सुदूर उत्तरी इलाके भी इनकी ब्रीडिंग रेंज है। इनकी कोर-कोर की आवाज को बहुत दूर से सुना जा सकता है। ये बड़े ही सतर्क होते हैं और खतरों पर पैनी नजर रखते हैं। जरा सी आहट पर इनका समूह शोर मचाते हुए उड़ जाता है, जिससे दूसरे पक्षी भी सतर्क हो जाते हैं। यह पक्षी रात्रि में भोजन करना पसंद करता है। छोटे कीडों से लेकर मछली व मेढक़ के अलावा खेत में उगे छोटे पौधे भी बड़े चाव से खाता है। इनका सफेद-केसरिया रंग एवं काली पूंछ विशेष पहचान होती है।