Video : ऐसे मनाई जाती है मेवाड़ में गणगौर, य ह खास बातें त्यौहार को बनाती है सबसे अलग…
उदयपुरPublished: Mar 16, 2019 10:55:28 am
आकार लेने लगी छोटी गणगौर
प्रमोद सोनी/उदयपुर . होलिका दहन एवं रंगोत्सव के बाद गणगौर की पूजा शुरू होगी। शीतला सप्तमी पर दो दिवसीय पारम्परिक छोटी गणगौर का मेला भरेगा। इसके लिए छोटी गणगौर, ईसर-पार्वती व कानूडे की प्रतिमाएं बननी शुरू हो गई है।
मोती चौहट्टा क्षेत्र में शीतला सप्तमी पर छोटी गणगौर के मेले में महिलाएं गणगौर प्रतिमाएं खरीदेंगी, जिन्हें वे गीत गाती हुई सिर पर उठाकर ले जाएंगी। प्रतिमाओं की 16 दिनों तक घर में रोजाना सेवा -पूजा की जाएगी। महिलाएं व्रत रखकर रोजाना कहानियां कहती हैं। महिलाएं व कन्याएं बाग-बगीचों से सेवरा सजा गीत गाते हुए आती हैं और छोटी गणगौर की पूजा-अर्चना कर घूमर करती हैं। इससे पूर्व रास्ते में होली थड़े पर भी पूजा-अर्चना करती है। महिलाएं घर में सुख-शांति और कन्याएं अच्छे वर की कामना से गणगौर की पूजा करती है। गणगौर मेले के समापन पर शुभ वार देख कर ज्वारा सहित छोटी गणगौर को गणगौर घाट पर ले जाती है, जहां पर पूजा अर्चना कर उन्हें विसर्जित करती हैं।