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घायल को अस्पताल पहुंचाया तो मिलेंगे 5 हजार रुपए

locationउदयपुरPublished: Oct 20, 2021 02:23:03 am

Submitted by:

Pankaj

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने शुरू की नेक मदद स्कीम, राष्ट्रीय स्तर पर 10 मददगारों को दिए जाएंगे एक-एक लाख रुपए

घायल को अस्पताल पहुंचाया तो मिलेंगे 5 हजार रुपए

घायल को अस्पताल पहुंचाया तो मिलेंगे 5 हजार रुपए

उदयपुर. आमतौर पर सड़क हादसे में घायल हुए लोगों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता। कई बार कानूनी पचड़े में पडऩे से बचने के लिए लोग घायल की मदद के लिए आगे नहीं आते। ऐसे में घायलों की मदद के लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नेक मददगार स्कीम लागू की गई है। हादसों में घायलों को एक घंटे में हॉस्पिटल पहुंचाने वाले को इनाम के तौर पर पांच हजार रुपए दिए जाएंगे। राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रमुख दस मददगारों को चुनकर एक-एक लाख रुपए बतौर पुरस्कार दिए जाएंगे।
मंत्रालय ने ये स्कीम घायलों को शीघ्र ही उपचार उपलब्ध करवाने और आमजन को मदद की सोच से जोडऩे के लिए योजना शुरू की है। योजना को लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव और परिवहन सचिव को निर्देश दिए है। बताया गया कि ये योजना 15 अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगी। निर्देश में बताया गया कि योजना का मकसद सड़क हादसों के पीडि़तों की आपातकालीन स्थिति में मदद करने के लिए आमजन प्रेरित हो ताकि घायल को शीघ्रता से उपचार देकर जनहानि रोकी जा सके।
राशि जिला प्रशासन से

नेक मददगार को नकद पुरस्कार के साथ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर 10 श्रेष्ठ नेक मददगारों का चयन किया जाएगा। उन्हें प्रोत्साहन के तौर पर एक-एक लाख रुपए पुरस्कार दिया जाएगा। नेक मददगार को पुरस्कार देने को मंत्रालय की ओर से नए पोर्टल की शुरुआत की जाएगी। इसमें मददगारों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। पोर्टल पर मददगार की जानकारी स्थानीय पुलिस, अस्पताल या ट्रोमा सेंटर स्टाफ अपलोड कर सकेगा। मददगारों को जिला प्रशासन से राशि दी जाएगी।
जनहानि रोकने की दिशा में कदम
सड़क हादसों में होने वाली मौतों में 50 प्रतिशत तक की कमी लाने को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पहल की थी। इसी को लेकर राजस्थान में भी तमिलनाडू मॉडल अपनाते हुए काम किया जा रहा है। प्रदेश में यातायात प्रबंधन में तकनीकी खामियों को सुधारा जा रहा है। ब्लैक स्पॉप चिह्नित किए जा रहे हैं, वहीं लाइव रिपोर्टिंग के माध्यम से हादसों के कारण पता लगाए जा रहे हैं।
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