गड्ढा तो पड़ोसी ने करवाया : निगम
निगम ने कहा कि परिवादी व उसके पति जिस स्कूटर पर थे, उसकी हैडलाइट लगी हुई थी। इसके अलावा घटना स्थल पर स्ट्रीट लाइट भी थी। दम्पती जिस जगह गड्ढे में गिरे वह गड्ढा पड़ोसी ने अपने पानी के कनेक्शन को दुरुस्त करने के लिए खुदवाया था। जिसकी शिकायत परिवादी ने निगम में नहीं की और ना ही इस मामले में पड़ोसी को पक्षकार बनाया।
निगम ने कहा कि परिवादी व उसके पति जिस स्कूटर पर थे, उसकी हैडलाइट लगी हुई थी। इसके अलावा घटना स्थल पर स्ट्रीट लाइट भी थी। दम्पती जिस जगह गड्ढे में गिरे वह गड्ढा पड़ोसी ने अपने पानी के कनेक्शन को दुरुस्त करने के लिए खुदवाया था। जिसकी शिकायत परिवादी ने निगम में नहीं की और ना ही इस मामले में पड़ोसी को पक्षकार बनाया।
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सुरक्षा का दायित्व निगम का : न्यायालय
न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक मार्गों से संबंधित सभी लोक न्यूसेंस को समाप्त करना एवं व्यक्तियों की संरक्षा, सम्पत्ति का सुरक्षा व लोक सुरक्षा का दायित्व नगर निगम का है। रोड पर गड्ढे भरने की जिम्मेदारी भी निगम की है। निगम दायित्वों से परे नहीं जा सकता। निगम ने जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया है, लेकिन प्रार्थियां के साथ हुई दुर्घटना में वह बराबर का जिम्मेदार है।
सुरक्षा का दायित्व निगम का : न्यायालय
न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक मार्गों से संबंधित सभी लोक न्यूसेंस को समाप्त करना एवं व्यक्तियों की संरक्षा, सम्पत्ति का सुरक्षा व लोक सुरक्षा का दायित्व नगर निगम का है। रोड पर गड्ढे भरने की जिम्मेदारी भी निगम की है। निगम दायित्वों से परे नहीं जा सकता। निगम ने जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया है, लेकिन प्रार्थियां के साथ हुई दुर्घटना में वह बराबर का जिम्मेदार है।
यह था मामला
सुशीला देवी ने वाद में बताया कि गत 15 फरवरी 2017 को रात्रि 9 बजे वह अपने पति के साथ स्कूटर से घर आ रही थी। मकान के पड़ोस में ही सडक़ पर बड़ा गड्ढा होने से दोनों उसमें गिर गए। इसमें परिवादिया के घुटनों की हड्डी में फ्रेक्चर हो गया। उसके इलाज व फीजियोथैरेपी पर करीब 51 हजार रुपए का खर्चा आया। पति भगवतीलाल द्वारा पेश किए गए इस आवेदन पर न्यायालय ने निगम को नोटिस दिया। निगम ने जवाब देते हुए टालमटोल जवाब दिए।