scriptबैंक व फाइनेंस कंपनी पर न्यायालय ने इसल‍िए लगाया जुर्माना, परिवादी को दिलाई सम्पूर्ण राशि | Udaipur Court Decision | Patrika News

बैंक व फाइनेंस कंपनी पर न्यायालय ने इसल‍िए लगाया जुर्माना, परिवादी को दिलाई सम्पूर्ण राशि

locationउदयपुरPublished: May 07, 2018 08:46:15 pm

Submitted by:

madhulika singh

1572 का चेक, अनादरण चार्ज के नाम पर काटे 2480 रुपए

COURT ORDER
उदयपुर . बैंक व फाइनेंस कंपनी की ओर से 1572 रुपए के चेक के अनादरण चार्ज के नाम पर 2480 रुपए काटने के मामले में न्यायालय नेे विपक्षियों की सेवा को पूरी तरह दोषपूर्ण मानते हुए तीन हजार का जुर्माना लगाया।
स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष के.बी.कट्टा, सदस्य सुशील कोठारी व ब्रजेन्द्र सेठ ने विपक्षियों को अनादरण चार्ज की काटी गई राशि दो माह में 10 प्रतिशत ब्याज सहित देने व तीन हजार रुपए मानसिक क्षति व वाद व्यय के अलग से देने के आदेश दिए। इसके अलावा बतौर जुर्माना तीन हजार रुपए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कोष में जमा करवाने को कहा। न्यायालय ने यह आदेश गांछीवाड़ा, तीज का चौक निवासी राधेश्याम गांछा बनाम एसबीआई शाखा प्रबंधक शास्त्री सर्कल, केपिटल फस्र्ट इंडिया लिमिटेड के खिलाफ दायर वाद पर दिया।
READ MORE : उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर संघर्षरत वकील उतरेे सड़क पर , की नारेबाजी, देखें तस्‍वीरें


यह था मामला

परिवादी ने बताया कि उसने मोबाइल के लिए केपिटल इंडिया से ऋण लिया। किस्त की अदायगी इसीएस के जरिए जमा करवाता रहा। इसके बावजूद विपक्षी कंपनी ने चेक अनादरण की सूचना देकर एक ही चेक को दो बार पेश कर 800 रुपए व बैंक ने भी बाउंसिंग चार्ज बताकर 590 रुपए और काट लिए। शिकायत करने पर कंपनी ने तकनीकी खराबी बताते हुए बैंक से सम्पर्क करने को कहा। बैंक में कई चक्कर लगाने के बावजूद न तो काटी गई राशि लौटाई और न ही संतोषप्रद जवाब दिया।
150 के बजाय 500 रुपए चार्ज वसूला
– तीन माह के नोटिस दिए बगैर परिवादी के खाते मेंं पर्याप्त राशि होने के बावजूद उसे फ्रीज कर चेक अनादरित किया गया, जो विधि प्रतिकूल है।
– तकनीकी आधार पर कटौती की जाने वाली अधिकतम राशि 150 रुपए के स्थान पर 500 रुपए चार्जेज वसूल किए गए। अधिवक्ता की ओर से अलग से नोटिस के बावजूद बैंक ने गलती का एहसास नहीं किया।
– फाइनेंस कंपनी ने बैंक की ओर से चेक अनादरित करने के बावजूद परिवादी के खाते से आठ सौ रुपए की कटौती कर दोहरी वित्तीय चोट पहुंचाई। बैंक व फाइनेंस कंपनी की सेवा व अपनाई गई प्रक्रिया पूर्णरूप से दोषपूर्ण है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो