स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष के.बी.कट्टा, सदस्य सुशील कोठारी व ब्रजेन्द्र सेठ ने विपक्षियों को अनादरण चार्ज की काटी गई राशि दो माह में 10 प्रतिशत ब्याज सहित देने व तीन हजार रुपए मानसिक क्षति व वाद व्यय के अलग से देने के आदेश दिए। इसके अलावा बतौर जुर्माना तीन हजार रुपए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कोष में जमा करवाने को कहा। न्यायालय ने यह आदेश गांछीवाड़ा, तीज का चौक निवासी राधेश्याम गांछा बनाम एसबीआई शाखा प्रबंधक शास्त्री सर्कल, केपिटल फस्र्ट इंडिया लिमिटेड के खिलाफ दायर वाद पर दिया।
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यह था मामला परिवादी ने बताया कि उसने मोबाइल के लिए केपिटल इंडिया से ऋण लिया। किस्त की अदायगी इसीएस के जरिए जमा करवाता रहा। इसके बावजूद विपक्षी कंपनी ने चेक अनादरण की सूचना देकर एक ही चेक को दो बार पेश कर 800 रुपए व बैंक ने भी बाउंसिंग चार्ज बताकर 590 रुपए और काट लिए। शिकायत करने पर कंपनी ने तकनीकी खराबी बताते हुए बैंक से सम्पर्क करने को कहा। बैंक में कई चक्कर लगाने के बावजूद न तो काटी गई राशि लौटाई और न ही संतोषप्रद जवाब दिया।
150 के बजाय 500 रुपए चार्ज वसूला
यह था मामला परिवादी ने बताया कि उसने मोबाइल के लिए केपिटल इंडिया से ऋण लिया। किस्त की अदायगी इसीएस के जरिए जमा करवाता रहा। इसके बावजूद विपक्षी कंपनी ने चेक अनादरण की सूचना देकर एक ही चेक को दो बार पेश कर 800 रुपए व बैंक ने भी बाउंसिंग चार्ज बताकर 590 रुपए और काट लिए। शिकायत करने पर कंपनी ने तकनीकी खराबी बताते हुए बैंक से सम्पर्क करने को कहा। बैंक में कई चक्कर लगाने के बावजूद न तो काटी गई राशि लौटाई और न ही संतोषप्रद जवाब दिया।
150 के बजाय 500 रुपए चार्ज वसूला
– तीन माह के नोटिस दिए बगैर परिवादी के खाते मेंं पर्याप्त राशि होने के बावजूद उसे फ्रीज कर चेक अनादरित किया गया, जो विधि प्रतिकूल है।
– तकनीकी आधार पर कटौती की जाने वाली अधिकतम राशि 150 रुपए के स्थान पर 500 रुपए चार्जेज वसूल किए गए। अधिवक्ता की ओर से अलग से नोटिस के बावजूद बैंक ने गलती का एहसास नहीं किया।
– तकनीकी आधार पर कटौती की जाने वाली अधिकतम राशि 150 रुपए के स्थान पर 500 रुपए चार्जेज वसूल किए गए। अधिवक्ता की ओर से अलग से नोटिस के बावजूद बैंक ने गलती का एहसास नहीं किया।
– फाइनेंस कंपनी ने बैंक की ओर से चेक अनादरित करने के बावजूद परिवादी के खाते से आठ सौ रुपए की कटौती कर दोहरी वित्तीय चोट पहुंचाई। बैंक व फाइनेंस कंपनी की सेवा व अपनाई गई प्रक्रिया पूर्णरूप से दोषपूर्ण है।