मोहम्मद इलियास/उदयपुर बारह वर्षीय स्कूली बालक के साथ कुकत्य कर हत्या करने वाले आरोपी को न्यायालय ने आजीवन कारावास व 13 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। चिकलवास कच्चीबस्ती पुला निवासी जीवा पुत्र चेनाजी गमेती ने 14 फरवरी 2015 को रिपोर्ट दी। बताया कि 13 फरवरी के उसका बारह वर्षीय पुत्र घर से बाहर खेलने निकला जो वापस नहीं लौटा। अगले दिन पड़ोसी ब्रदीलाल सालवी ने सूचना दी कि पुत्र को किसी ने मार कर नाले में फेंक रखा है। परिवादी मौके पर गया तो पुत्र को पत्थर से मुंह कुचला शव पड़ा हुआ था। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी पुला कच्चीबस्ती निवासी हरीश उर्फ हरीशंकर पुत्र खूबीलाल नायक को गिरफ्तार किया तथा मामले में एक अपचारी को भी डिटेन किया था। तत्कालीन अम्बामाता सीआई जितेन्द्र आंचलिया ने मामले के खुलासे के महज 24 घंटे में ही आरोपी हरीश के विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश कर दिया था। सुनवाई के दौरान विशिष्ट लोक अभियोजक चेतनपुरी गोस्वामी ने आवश्यक साक्ष्य व दस्तावेज पेश किए। आरोप सिद्ध होने पर पोक्सो एक्ट-1 न्यायालय के पीठासीन अधिकारी सतीश कुमार ने आरोपी को धारा 302 में आजीवन कारावास व 10 हजार व धारा 201 में तीन वर्ष का कठोर कारावास व 3 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। — एफएसएल रिपोर्ट रही महत्वपूर्ण गवाहों ने बयानों के दौरान घटना वाली शाम को मृतक व हरीश को नदी की तरफ साथ जाने का कथन किया लेकिन पत्थर मारने वाला कोई चश्मदीद नहीं मिला। एफएसएल रिपोर्ट में आरोपी के टी-शर्ट व पेन्ट व मृतक के कपड़ों पर लगा ब्लड मिल गया। न्यायालय ने सुनवाई के बाद कहा कि पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि आरोपी ने पत्थरों से वार कर बालक की मृत्यु कारित की गई तथा साक्ष्य छिपाने के लिए उसके शव को पत्थरों के ढेर में छिपाया। आरोपी के प्रति नरमी का रूख अपनाया गया तो इस तरह के अपराधों में बढ़ोतरी होगी एवं समाज में गलत संदेश जाएगा। आरोपी के प्रति नरमी रखी गई तो अभियुक्त सभ्य समाज के लिए घातक होगा। — अपचारी को डिटेन करने पर खुली थी वारदात पूलां कच्चीबस्ती क्षेत्र से लापता हुए बालक की हत्या के राज खोलने के लिए पुलिस ने बस्ती के बच्चों को इक_ा कर उन्हें पूछताछ की तो अधिकांश ने अपचारी की हरकतों के बारे में बता दिया। उनका कहना था कि वह काफी शातिर है, पूरी बस्ती में छोटे बच्चों को ‘दादा’ बनकर धमकाता है। पूर्व में वह कुछ बच्चों के साथ गलत काम चुका है। इस प्रकरण में भी पोस्टमार्टम में मृतक के साथ कुकत्य की पुष्टि होते ही पुलिस ने उस अपचारी को डिटेन किया तो उसने हरीश के साथ वारदात करना स्वीकार किया था। पुलिस का कहना था मृतक घटना वाली शाम को मृतक को अपचारी धमकाते हुए आयड़ नदी पेटे पर ले गया। वहां हरीश व अपचारी ने मिलकर शराब पी और दोनों ने उसके साथ कुकत्य किया। बालक ने उनके चंगुल से छूटते ही उन्हें पिता को शिकायत करने की धमकी दी। बदनामी के डर से आरोपी ने उसे पकड़ लिया। लात, मुक्के मारकर उसे नीचे गिराया, बाद में पत्थरों से वारकर हत्या कर दी थी।