उदयपुर

पहली बार लोक अदालत का वकीलों ने किया बहिष्कार, फिर भी निपटे 3384 प्रकरण

पहली बार लोक अदालत का वकीलों ने किया बहिष्कार, फिर भी निपटे 3384 प्रकरण

उदयपुरSep 17, 2021 / 07:53 pm

Mohammed illiyas

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर एवं अधीनस्थ न्यायालय में लगी लोक अदालत का बार एसोसिएशन के आह्वान पर शनिवार को अधिवक्ताओं ने पूर्णतया बहिष्कार किया। यह पहला मौका था जब बहिष्कार में लोक अदालत में हिस्सा लेने वाले नियुक्त पैनल अधिवक्ताओं ने भी शिरकत नहीं की। इधर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुलदीप सूत्रकार ने बताया कि शनिवार को आयोजित लोक अदालत में 3384 प्रकरणों का निस्तारण कर करीब 49.55 करोड़ के अवार्ड पारित किए गए। इन प्रकरणों का पहले से चल रही प्री-काउंसलिंग व जिला मुख्यालय से बाहर भी अन्य जगहों पर भी लगी लोक अदालत के कारण निपटारा हुआ।

अधिवक्ता बैठे रहे टेबल पर नहीं गए लोक अदालत में
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने बताया कि बार और बेंच में आई कटुता को लेकर पिछले कई दिनों से एक दूसरे के प्रति आक्रोश चल रहा था। बार एसोसिएशन ने 15 दिन पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश को पत्र देकर दुव्र्यवहार करने वाले न्यायिक अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की थी लेकिन निर्धारित समय पर संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने पर शनिवार को लोक अदालत का बहिष्कार करना पड़ा। जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में स्थित विभिन्न न्यायालयों तथा तालुका व पंचायत समिति स्तर पर स्थित सभी अधीनस्थ न्यायालयों में अधिवक्ताओं के उपस्थित नहीं होने के बाद पक्षकारों ने भी हिस्सा नहीं लिया। लोक अदालत में नियुक्त पैनल अधिवक्ताओं ने भी बतौर सदस्य हिस्सा नहीं लिया। दोपहर बाद जिला एवं सत्र न्यायधीश ने बार एसोसिएशन की आपातकालीन बैठक बुलाकर आगामी दिनों में शीघ्र बार और बेंच के संबंध मधुर स्थापित करने का आश्वासन दिया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पर में यह पहली बार हुआ कि उदयपुर में लोक अदालत के दौरान न्यायालय परिसर सुना रहा और अधिवक्ता अपने-अपने टेबल व साथियों के साथ बैठे गए।

राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्रधिकरण जयपुर के तत्वावधान व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष निर्देशन में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में राजीनामा योग्य मामलों में पक्षकारों के मध्य सुलह करवाकर 3384 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुलदीप सूत्रकार ने बताया कि लोक अदालत में लगभग 49 करोड़ 55 लाख के अवार्ड जारी कर मामलों का निस्तारण किया गया। इन प्रकरणो का निस्तारण के लिए पूरे जिलो में 31 बैंचो का गठन किया गया था। प्रि.लिटिगेशन के सन्दर्भ में राष्ट्रीय लोक अदालत में धन वसूली,भारत संचार निगम लिमिटेड के बकाया बिल, निजी फाइनेंस कंपनी के बकाया ऋण, निजी एवं सरकारी बैंकों के ऋण संबधित मामलों का निस्तारण किया गया। लोक अदालत में उदयपुर स्थित सभी न्यायालयों के अलावा जिले के सभी न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों का निस्तारण किया गया। लोक अदालत के माध्यम से राजीनामा होने वाले मामलों की भविष्य में कोई अपील नहीं हो सकती है तथा मामले का पूर्णरूप से निस्तारण हो जाता है।

न्यायलय में पीठासीन अधिकारी द्वारा पूर्व से ही प्री-काउसलिंग की जाकर माामलों का निपटारा किया जा रहा रहा था। इसके अलावा जिला मुख्यालय के बाहर भी बैंचों का गठन किया कई प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
कुलदीप सूत्रकार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण

लोक अदालत में उन्हीं प्रकरणों को निस्तारित बताया गया जिनमें पूर्व से ही अधिवक्ताओं ने प्रयास कर पक्षकारों के बीच राजीनामे करा पत्रावली में तस्दीक करा दिए गए थे।
मनीष शर्मा, अध्यक्ष बार एसोसिएशन
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