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अरे इन बड़े सहाब से जुर्माना वसूलेगा कौन? यातायात नियम तोड़े तो अधिकारी भी है बराबर के दोषी

locationउदयपुरPublished: Sep 19, 2019 01:28:28 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

अरे इन बड़े सहाब से जुर्माना वसूलेगा कौन? यातायात नियम तोड़े तो अधिकारी भी है बराबर के दोषी

अरे इन बड़े सहाब से जुर्माना वसूलेगा कौन? यातायात नियम तोड़े तो अधिकारी भी है बराबर के दोषी

अरे इन बड़े सहाब से जुर्माना वसूलेगा कौन? यातायात नियम तोड़े तो अधिकारी भी है बराबर के दोषी

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
नए मोटर व्हीकल एक्ट में सरकार ने सडक़ दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जहां आमजन पर भारी भरकम जुर्माना लगाया है, वहीं नियम तोडऩे वाले अधिकारियों को भी नहीं बख्शा गया है। उन पर भी दुगुना जुर्माना लगाया लेकिन इसे वसूलेगा कौन? क्या कांस्टेबल किसी एसपी को चालान काटेगा। ऐसी कई खामियां से भरा नया एक्ट है जिसमें केन्द्र सरकार ने किसी परिस्थितियां स्पष्ट नहीं की। सर्वाधिक चालान वाले लालबत्ती क्रॉसिंग, जेब्रा लाइन तोडऩे, वाहन चलाते मोबाइल पर बात करने जैसे मामूली अपराध पर भी सरकार ने सजा का प्रावधान कर दिया है। ऐसी स्थिति में यह न्यायक्षेत्र का मामला हो गया तो परिवहन व पुलिस कर्मी जुर्माना कैसे नहीं वसूल सकते हैं। नए मोटर व्हीकल एक्ट में जहां कुछ खामियां हैं, वहीं कुछ अच्छे प्रावधान भी हैं। सरकार ने इस एक्ट में जिन धाराओं में सजा के प्रावधान किए हैं तो उनके संबंध में धारा 200 में संशोधन नहीं किया गया। इसके अलावा राज्य सरकार ने कम्पाउडिंग के संबंध में गजट नोटिफिकेशन भी जारी नहीं किया। — ऐसे तो कानून व नियमों की पालना में आएगा पसीना1- धारा-177 (जिसमें सीधा अपराध नहीं, जैसे गाड़ी पर पीली पट्टी लगाना, बेवजह हॉर्न बजाया आदि) पहले-100 रुपए जुर्माना , अब- 500 से 1000 रुपए तक जुर्माना2- धारा-179 (किसी भी प्रकार की कोई सूचना पुलिस अधिकारी या राज्यसरकार द्वारा अधिकृत व्यक्ति द्वारा जारी आदेशों की पालना नहीं करना, चाही गई सूचना नहीं देना) पहले-100 रुपए जुर्माना, अब- 2000 तक जुर्माना 3- धारा-180 (बिना लाइसेंस वाले या अनाधिकृत व्यक्ति को वाहन चलाने के लिए देना)पहले- सिर्फ 1000 रुपए जुर्माना, अब तीन माह की सजा व 8 हजार रुपए जुर्माना उक्त अपराध में पूर्व में धारा 200 के तहत पुलिस व परिवहन विभाग को कम्पाउंड का अधिकार था, अब सजा का प्रावधान होने पर पुलिस कम्पाउंड नहीं कर सकती है। उन्हें ऐसे जुर्म में वाहन चालक के विरुद्ध परिवाद दर्ज कर चालान पेश करना होगा। 4- धारा- 183 (अत्यधिक स्पीड में गाड़ी चलाना)पहले- 100 रुपए जुर्माना, अब दुपहिया व हल्के चार पहिया वाहन पर- 1000 रुपए जुर्माना5- धारा- 184 (खतरनाक तरीके से वाहन चलाना) इसमें लालबत्ती पार करना, जेब्रा लाइन क्रॉस करना, वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग करना, वन-वे मार्ग पर गाड़ी चलाना, गलत साइड से ओवरटेक करना, इस तरह से गाड़ी चलाना जिसमें आमआदमी के लिए खतरनाक साबित हो। आमजन के लिए सबसे महत्वपूर्ण इस धारा में नए कानून के तहत आरोपी को एक वर्ष की सजा, इनमें छह माह से कम नहीं व 1000 रुपए जुर्माना लगाया गया है। इस धारा में सजा के प्रावधान होने से कानूनी रूप से पुलिस को कम्पाउंड का अधिकार नहीं है। वाहन चालक के इन्हें उल्लंघन पर सर्वाधिक पुलिस चालान काटती है। 5- धारा-185 (शराब पीकर गाड़ी चलाना)पहले-1000 रुपए जुर्माना, अब- 6 माह की सजा, 10 हजार रुपए जुर्माना या दोनों, बे्रथ एनलाइजर से इस एक्ट में चेक करवाने के साथ ही मेडिकल करवाया जाएगा। 6- धारा -210 बी (राज्य सरकार का कोई भी अधिकारी अपराध करेगा तो उसे डबल पेनल्टी देनी पडेग़ी, यह प्रावधान तो कर दिया लेकिन इसका चालान कौन बनाएगा)इस धारा में एक्ट में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध सरकार ने अच्छा प्रावधान किया लेकिन चालान काटने के लिए किसी को अधिकृत नहीं किया गया।

नए अधिनियम में कुछ खामियां तो कुछ फायदे भी हैं। जिन प्रावधानों में पूर्व में जुर्माना था उनमें सजा के प्रावधान किए गए हैं। उनका अंतिम निस्तारण न्यायालय से ही किया जा सकेगा। परिवहन व पुलिस अधिकारी द्वारा कम्पाउंड नहीं किया जा सकेगा। ये अधिकारी जबरन कम्पाउंड करते हैं, जबकि एक्ट में है कि वाहन चालक कम्पाउंड नहीं करवाना चाह रहा है तो उसका चालान कोर्ट में पेश करना चाहिए। उसके वाहन को जबरन सीज नहीं करना चाहिए।
सुन्दरलाल मांडावत, वरिष्ठ अधिवक्ता
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