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कुछ तो करो हाकम! फैक्ट्री वाले पहले केमिकल के पानी से नाले को कर रहे थे खराब अब मिट्टी उंड़ेल रहे हाइवे पर

locationउदयपुरPublished: Oct 21, 2019 01:12:47 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

कुछ तो करो हाकम! फैक्ट्री वाले पहले केमिकल के पानी से नाले को कर रहे थे खराब अब मिट्टी उंड़ेल रहे हाइवे पर

कुछ तो करो हाकम! फैक्ट्री वाले पहले केमिकल के पानी से नाले को कर रहे थे खराब अब मिट्टी उंड़ेल रहे हाइवे पर

कुछ तो करो हाकम! फैक्ट्री वाले पहले केमिकल के पानी से नाले को कर रहे थे खराब अब मिट्टी उंड़ेल रहे हाइवे पर

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र में केमिकलयुक्त पानी की मार झेल रहे ग्रामीणों की ओर से फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ मामले दर्ज कराने के बावजूद संचालक बाज नहीं आ रहे हैं। पहले नदी में दूषित जल छोडऩे वालों ने अब नया तरीका अपना लिया है। अब दूषित जल को फैक्ट्री में ही जमा करके मिट्टी मिश्रित किया जा रहा है। मौका देखकर वही मिट्टी इधर-उधर बिखेरी जा रही है। करतूत की हकीकत उस समय सामने आई जब जागरूक लोगों ने पूरे घटनाक्रम को कैमरे में कैद किया।नियम कायदे ताक में रखकर संचालक केमिकलयुक्त पानी को फैक्ट्री के अंदर ही मिट्टी के ढेर में डाल रहे हैं। फिर मौका देखकर मिट्टी को हाइवे किनारे और इधर-उधर खाली किया जा रहा है। इसकी भनक लगने पर रविवार को ग्रामीणों ने फैक्ट्री से निकले ट्रैक्टर का पीछा कर खाली होने तक वीडियो बनाया। प्रदूषण संघर्ष समिति के सदस्यों ने वीडियो को प्रदूषण नियंत्रण मंडल अधिकारियों के सुपुर्द कर कार्रवाई की मांग की।राजस्थान पत्रिका की ओर से चलाए जा रहे ‘काले पानी का दंश झेल रहे ग्रामीण’ अभियान के बाद प्रशासन ने प्रदूषण नियंत्रण मंडल अधिकारियों के साथ क्षेत्र का दौरा किया था। निरीक्षण के दौरान केमिकल का पानी तो मिला, लेकिन नामजद फैक्ट्रियों की जांच में खुलासा नहीं हो पाया था। इस बीच बारिश के दौरान मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक फैक्ट्री से पानी रिसता मिला, वहीं अन्य फैक्ट्रियों में प्रदूषित पानी छोडऩे के संबंध में प्रमाण मिले थे। इस संबंध में प्रदूषण संघर्ष समिति के संयोजक गेहरीलाल डांगी की रिपोर्ट पर पुलिस ने मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र स्थित कुछ फैक्ट्रियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मामले अभी जांच में चल रहे हैं।
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टे्रक्टर भी बिना नम्बर
केमिकल युक्त मलबा डालने की पहचान न हो इसके लिए फैक्ट्री प्रबंधकों ने अपने कर्मचारियों के परिचितों के ही ट्रैक्टर लगा रखे हैं। वे बिना नम्बर के टे्रक्टर में प्रतिदिन ट्रॉली लेवल तक ही मलबा भर रहे ताकि रास्ते में एकाएक बाहर से दिखाई न दे। ग्रामीणों को इसकी भनक लगने पर पीछा कर वीडियो बनाया। संघर्ष समिति संयोजक डांगी, विमल भादविया, सुरेश डांगी, सीताराम पुष्करना ने प्रदूषण नियंत्रण मण्डल अधिकारियों को सूचना दी।
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पूर्व में हो चुकी पुष्टि
ग्रामीणों का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र में संचालित फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित व केमिकल युक्त पानी से क्षेत्रवासियों के स्वास्थ्य पर असर पड़ा है। नदी-नाले में दूषित पानी छोडऩे से हजारों बीघा कृषि भूमि खराब हो गई। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर मिट्टी व पानी की जांच करवाने के बाद प्रशासन को भी अवगत कराया था। एडीएम के नेतृत्व में वाली कमेटी ने प्रभावित क्षेत्र बेड़वास, कानपुर, मादड़ी, पंचोली, मटून, लकड़वास, टीलाखेड़ा, कमलोद, खड़बडिय़ा, कलड़वास का दौराकर जांच की थी, जिसमें गड़बडिय़ों की पुष्टि हुई थी।
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