बालश्रम रेस्क्यू पकड़े बच्चों को रखने में भी राजनीति, गड़बडिय़ों पर भी विभाग की मेहर
उदयपुरPublished: Nov 15, 2019 12:45:49 pm
बालश्रम रेस्क्यू पकड़े बच्चों को रखने में भी राजनीति, गड़बडिय़ों पर भी विभाग की मेहर
बालश्रम रेस्क्यू पकड़े बच्चों को रखने में भी राजनीति, गड़बडिय़ों पर भी विभाग की मेहर
मोहम्मद इलियास/उदयपुर
चिकलवास स्थित मनु सेवा संस्थान के ओपन शेल्टर होम में चल रही गड़बडिय़ां का खुलासा पूर्व में होने के बावजूद बाल अधिकारिता विभाग की इतनी मेहरबानी रही है कि उन्होंने इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजतन तीन मंजिल में संचालित संस्थान के दो मालों पर ताला लग गया और महज यह एक मंजिल में संचालित होकर पूरी तरह ‘कैदखाना’ बन गया। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण चार दिन पूर्व शेल्टर किए गए 24 बाल श्रमिकों को एक छोटे से कमरे में सुलाया गया था।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने मौक की निरीक्षण की रिपोर्ट हाइकोर्ट भिजवाते हुए विभाग से अब तक संस्थान की ओर से छह साल में बच्चों व बालिका के नाम से उठाई गई अनुदान राशि की विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। राजस्थान राज्य बाल आयोग ने राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबर व हाइकोर्ट से मिली रिपोर्ट के आधार पर तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रशासन को जांच के आदेश दिए। इधर, सीडब्ल्यूसी ने दूसरे दिन गुरुवार को फिर से निरीक्षण करते हुए तथ्यात्मक रिपोर्ट बनाई तथा शेल्टर से समस्त 24 बच्चों को रेफर किया। इनमें 19 बच्चों को राजकीय किशोर गृह व 5 बच्चों को जीवन ज्योति निराश्रित गृह भिजवाने का आदेश दिया गया।
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पत्रिका में छपी खबर को लिया गंभीरता से
राजस्थान पत्रिका ने 13 नवम्बर के अंक में ‘ कैदखाने में बासी पूडिय़ों से पेट भर रहे थे बच्चे’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर सेवा संस्थान की अव्यवस्थाओं को उजागर किया था। खबर प्रकाशित होने के बाद राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ.शैलेन्द्र पण्ड्या ने आयोग को संस्थान के बारे में विस्तृत रिपोर्ट देते हुए पूरा खुलासा किया। पूर्व में इसी संस्थान की ओर से संचालित बालिका गृह से भी बालिकाओं के भागने की जानकारी व गड़बडिय़ां बताई गई। आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासनिक स्तर पर कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए।