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इन अमीरों के शौक पर कोई रोक-टोक नहीं, बोट में परोस रहे शराब, पिछोला में दीवार तोड़ बना दी अवैध जेटियां

locationउदयपुरPublished: Jan 11, 2020 01:29:28 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

इन अमीरों के शौक पर कोई रोक-टोक नहीं, बोट में परोस रहे शराब, पिछोला में दीवार तोड़ बना दी अवैध जेटियां

इन अमीरों के शौक पर कोई रोक-टोक नहीं, बोट में परोस रहे शराब, पिछोला में दीवार तोड़ बना दी अवैध जेटियां

इन अमीरों के शौक पर कोई रोक-टोक नहीं, बोट में परोस रहे शराब, पिछोला में दीवार तोड़ बना दी अवैध जेटियां,इन अमीरों के शौक पर कोई रोक-टोक नहीं, बोट में परोस रहे शराब, पिछोला में दीवार तोड़ बना दी अवैध जेटियां,इन अमीरों के शौक पर कोई रोक-टोक नहीं, बोट में परोस रहे शराब, पिछोला में दीवार तोड़ बना दी अवैध जेटियां

इन अमीरों के शौक पर कोई रोक-टोक नहीं, बोट में परोस रहे शराब, पिछोला में दीवार तोड़ बना दी अवैध जेटियां
मोहम्मद इलियास/उदयपुर
झीलें शहर की लाइफ लाइन है। इन झीलों को निहारने के लिए देश ही नहीं विदेश से कई लोग यहां आते हैं और यहां होटलों में ठहरते हैं लेकिन ये होटलें झीलों के लिए खतरा बनती जा रही है। झीलों के किनारे स्थित बड़े नामचीन होटलों के प्रबंधक सरेआम नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए झीलों को गंदा करने के साथ ही रात में बोट में सैलानियों को शराब परोस रहे हैं। रईसों के मौज-शौक को पूरा करने के लिए कई जगह अतिक्रमण कर नावों के संचालन के लिए अवैध रुप से सात-आठ जेटी बना दी गई है। निर्माण के लिए बेरोकटोक उन्होंने झील की दीवार तक को क्षतिग्रस्त कर डाला। कुछ ने तो होटल के मार्ग से जेटी तक जाने के लिए लोहे का पुल तक बना दिया। इतना सब कुछ होने के बावजूद जिला प्रशासन व संबंधित जांच एजेन्सियां जानकर भी अनजान बनी हुई है।पिछोला झील में वर्तमान में सात बड़ी होटलों के समूह सहित अलग-अलग गु्रप की 81 लाइसेंसी नावों का संचालन हो रहा है। इनमें सरकारी स्तर पर नगर निगम, सेना व मत्स्य विभाग की 24 नावें चल रही है तो निजी होटल संचालकों की 57 नाव है। दो नाव तो यहां पार्टी बोट के रूप में प्रसिद्ध है। सैलानियों की मांग के अनुसार इन नावों का रात में संचालन होता है। इसमें पार्टी में खाने के साथ ही शराब परोसी जाती है। बकायदा इन बोट में शौचालय तक बने हुए है, जिसकी गंदगी सीधी झील में जा रही है। दिखावे के लिए दिन में इन बोट पर ताला लगाए रखते हैं। महज एक दिन का इस बोट का किराया काफी महंगा है।

इनका पूरी तरह कब्जा
झीलों पर बड़े होटल समूहों का ही पूरी तरह से कब्जा है। नगर निगम ने यहां स्वयं की जेटी के अलावा होटल समूहों की नावों के संचालन के लिए एक अन्य जेटी का निर्माण करवाया, लेकिन उन्होंने इसे काम में नहीं लिया। सैलानियों को आकर्षित करने के लिए होटल समूह ने अपने-अपने तरीके से दोनों तरफ आकर्षण करने वाली जेटी बना दी। इनमें सेल्फी प्वाइंट, गैलेरी व अन्य सुविधा भी मुहैया करवार्ई।

रेस्क्यू बोट नहीं, कैसे हो सफाई
सरकारी स्तर पर नावों के संचालन के लिए तो निगम ने नियम कायदे बनाते हुए उन्हें पाबंद कर रखा है, लेकिन होटल समूहों के लिए रोक-टोक नहीं है। यहां किसी भी समूह के पास कोई रेस्क्यू बोट व ऐसी टीम नहीं है, जो झील में हादसा होते ही उन्हें बाहर निकाल पाए। जहां भी जेटी का निर्माण करवाया हुआ है वहां पानी में नीचे इतनी जलीय घास अन्य गंदगी है कि अगर जेटी से कोई नीचे गिर जाए तो उसे बचाने वाला भी उसमें फंस जाए। जेटी पर दुर्गन्ध होने के बावजूद कोई सफाई के लिए नीचे जाकर जान जोखिम में नहीं डालता।

सिर्फ आमजन पर चलाते है डंडा
सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट के आदेश के बाद समस्त क्षेत्र को निर्माण निषेध घोषित कर रखा है। यूआईटी व नगर निगम ने यहां सिर्फ उन गरीबों व आमजन पर डंडा चलाया, जिन्होंने अपने घरों में छोटे-मोटे निर्माण करवाए, लेकिन कभी किसी बड़े होटल समूह पर कोई कार्रवाई नहीं की। होटल समूहों ने टेंट झोपडिय़ों की आड़ में पक्के निर्माण कर दिए तो कई झील किनारे रहने वालों ने उन्हें गेस्ट हाउस बना दिया। झील के दृश्य को निहारने के लिए कइयों ने तो पक्के गोखड़े बना दिए। इन समूहों पर कार्रवाई के लिए लोगों ने कई बार निगम व यूआईटी को शिकायतें भी की, लेकिन हर शिकायत फाइल दफ्तर हो गई, जो कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस व पाबंद बताया गया।

यह है नियम
– झीलों में किसी भी तरह के निषेध क्षेत्र में किसी भी तरह की परोक्ष व अपरोक्ष गतिविधि नहीं होगी।- सभी गु्रप राजस्थान रेगुलेशन ऑफ बोटिंग 1956 एवं नियम 1957 के प्रावधानों एवं उनमें समय-समय पर होने वाले संशोधनों का पालन करेंगे।
– नावों का संचालन सूर्याेदय के आधे घंटे बाद तथा सूर्यास्त के आधे घंटे पहले करना होगा।- रात्रि में नावों को संचालन किया जाता है तो इसकी स्वीकृति नियमानुसार परिवहन तथा संबंधित विभाग से ली जाएगी।- नौका संचालन संबंधित किसी भी क्रिया में दुर्घटना का समस्त दायित्व संचालक का होगा।- नावों को प्रतिवर्ष परिवहन कार्यालय से फिटनस सर्टिफिकेट व प्रदूषण विभाग से प्रमाण पत्र लेना होगा।

नाव सिर्फ लाने व ले जाने के लिए है, इसमें किसी तरह की पार्टी नहीं की जा सकती है। अगर करनी है तो इसकी स्वीकृति लेना अनिवार्य है।
डॉ.कल्पना शर्मा, जिला परिवहन अधिकारी

झील में दीवार तोड़ी गई या अवैध जेटी उतारी गई है तो बिल्कुल गलत है। शीघ्र ही निरीक्षण कर कार्रवाई जाएगी।
अंकित कुमार सिंह, उच्च न्यायालय द्वारा गठित झील निगरानी गठित कमेटी सचिव
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