वोट की राजनिती में उलझाया गरीब को, सरकारी गेहूं तक छीना
उदयपुरPublished: Jun 23, 2020 01:40:30 pm
वोट की राजनिती में उलझाया गरीब को, सरकारी गेहूं तक छीना
मोहम्मद इलियास/उदयपुर
गांव की चौपाल पर होने वाली छुटभैया राजनिती सहित अनेकानेक कारणों के चलते जरुरतमंद 1.25 लाख लोग खाद्य सुरक्षा अभियान से जुडऩे से वंचित रह रहे गए, गरीब होने के बावजूद उन्हें अब तक सरकारी गेहूं नहीं नसीब नहीं हो सका। विभाग ने पड़ताल की तो पता चला कि खाद्य सुरक्षा मिशन की वास्तविक सूचियां या तो राशनडीलर तक पहुंची ही नहीं और कई जगह पहुंंची तो वे विभागीय सूची से वह मेल नहीं खाई। विभाग ने जांच के बाद ऐसे 25 हजार जरुरतमंदों के नए राशनकार्ड को योजना से जोड़ते हुए उन्हें घर तक राशन पहुंचाया।
उदयपुर जिले में 5.75 लाख राशनकार्ड खाद्य सुरक्षा से जुड़े है, इनमें 27 हजार लाभार्थी शहरी क्षेत्र है। विभाग ने हाल में इन राशनकार्डो की जांच की तो पता चला कि कई अमीर लोग ऐसे थे जो पात्र नहीं होने के बाद भी इस योजना का लाभ ले रहे थे लेकिन कुछ ऐसे भी थे जो वास्तव में हकदार थे। विभाग ने ऐसे 25 हजार हजार राशनकार्ड के 1.25 लाख लोगों से योजना से जोड़ते हुए उन्हें गेहूंं पहुंचाए। गौरतलब है कि वर्ष 2012 में सर्वे कर पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ा गया था। पात्र होने के बाद कई कारणों से उन्हें वंचित कर रखा था।
—
इन कारणों से कर रखा था वंचित
– बुजुर्ग होने से राशन की दुकान तक जा नहीं पा रहे
– फिंगर प्रिन्ट नहीं आने से लाभ से कर रखा था वंचित
– पंचायत से उपलब्ध होने वाली सूची में उनका नाम नहीं
– विभागीय सूची में नाम लेकिन डीलर के पास वो सूची नहीं
– जरुरतमंद दुकानों के चक्कर काटने पर की जा रही थी बहानेबाजी
—
केस-1
मावली के बांसलिया
नाम-जोधसिंह व अन्य
पंचायत की सूची में नाम नहीं होने से खाद्य सुरक्षा से थे वंचित। योजना के समय से जुड़े था बुजुर्ग लोग। खेतीहर मजदूरी से जुड़ा होने पर भी नहीं मिल रहा था लाभ, विभाग ने सूची दी अब पहुंचा परिवारों के घर गेहंू।
—
केस-2
सुखेर के रामा पंचायत
नाम-खुमाण वैद व चार अन्य परिवार
इन परिवारों के लोगों को फिंगर प्रिन्ट नहीं आना का बहाना कर कर रखा था योजना से वंचित। कभी भी विभाग में शिकायत नहीं की। अधिकारियों के कहने के बाद इन परिवारों को योजना से जोड़ा गया।
—
डुप्लीकेट राशनकार्ड, मृत आश्रित व अन्य लोगों के नाम से खाद्य सुरक्षा का लाभ ले रहे लोगों के राशनकार्ड हटाने के साथ ही हमें खुशी है कि हम 25 हजार ऐसे राशनकार्ड जोड़ पाए तो वास्तव में जरुरतमंद थे। अभी भी जिला कलक्टर के निर्देश पर एक-एक पंचायत में इस पर काम हो रहा है।
ज्योति ककवानी, जिला रसद अधिकारी