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पुलिस से उलझने की बजाए वाहन बीमा करवाओ, हर तरह से रहोगे सुरक्षित

locationउदयपुरPublished: Aug 21, 2020 11:12:24 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

पुलिस से उलझने की बजाए वाहन बीमा करवाओ, हर तरह से रहोगे सुरक्षित

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
राज्य सरकार की ओर से लागू मोटर व्हीकल एक्ट की पालना के लिए सडक़ों पर वाहनों को रोक रही पुलिस को हर तीसरा दुपहिया वाहन बिना बीमा के मिल रहा है। चालक बेफिक्र होकर सडक़ों पर ऐसे वाहनों को चला रहे हैं। दुर्भाग्यवश ऐसे वाहन की टक्कर से किसी व्यक्ति की मौत हो गई तो वाहन मालिक ही दोषी होगा। न्यायालय में पहुंचने वाले मामलों में अगर डिक्री हो गई तो मालिक को वाहन से ज्यादा कीमत मृतक आश्रित को चुकानी पड़ सकती है।
केन्द्र सरकार की ओर से 10 माह पहले लागू मोटर व्हीकल एक्ट को संशोधित कर राजस्थान में लागू करने के बाद सडक़ों पर वाहन चलाना मुश्किल हो गया है। केन्द्र की ओर से निर्धारित शुल्क से राज्य में काफी कम जुर्माना करने के बावजूद जुर्माना पहले से इतना ज्यादा है कि भरपाई करना हर किसी के बस की बात नहीं है। एक्ट में केन्द्र सरकार ने 10 हजार तक जुर्माना लगाया, जिसे राज्य सरकार ने कम करते हुए 1 हजार से 15 सौ रुपए किया। इन दिनों यातायात पुलिस की ओर से काटे जा रहे चालान में सामने आया कि हेलमेट, लाइसेंस के उल्लंघन के साथ हर तीसरा वाहन बिना बीमा के निकल रहा है। शहर में इनका उल्लघंनशहर में वाहन चलाते हुए मोबाइल का इस्तेमाल, रेड लाइट जम्पिंग, हेलमेट नहीं पहनना, लाइसेंस व दस्तावेज का अभाव, बिना बीमा वाहन के साथ ही यातायात नियमों को तोडऩे वाले काफी हैं। सडक़ पर धरपकड़ के दौरान पुलिस की भी लपकने की आदत से हर कोई नियम तोड़ता दिखता है।

वाहनों से ज्यादा कीमत जुर्माने की
जिले में अवधि पार तथा बिना रजिस्ट्रेशन वाले कई ऐसे वाहन हैं, जो लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। वर्ष 2005 से पहले के नाकारा हो चुके वाहनों को विभाग आरसी सस्पेंड करने के साथ ही रिकॉर्ड से बाहर कर चुका है। नियमानुसार हर वाहन को खरीदने के 15 वर्ष बाद पुन: पंंजीकरण कराना होता है, लेकिन अब तक महज 10 फीसदी वाहनों का ही पंजीकरण हो पाया है। पंजीकरण कराने के लिए विभाग ने वाहन मालिकों को नोटिस भी भेजे, लेकिन दो फीसदी ही जवाब पहुंचे। जिले में ऐसे 85 हजार अवधि पार वाहनों का आंकड़ा सामने आया है, जो कागजों में जिंदा हैं। इन वाहनों की कीमत जुर्माना राशि से काफी कम है।

फिटनेस व बीमा पूरा हो वाहनों का फिटनेस व बीमा पूरा होना चाहिए। जिन वाहनों का फिटनेस अवधि व 15 वर्ष पूरे जो चुके हैं, उनके मालिकों को तुरंत परिवहन विभाग कार्यालय में बुलाना चाहिए। ऐसे वाहन मालिक नहीं आते हैं तो वाहन सीज करने की कार्रवाई करनी चाहिए। कंडम वाहन, जो सडक़ों पर खड़े रहते हैं, वो भी कानून का उल्लंघन है। ऐसे वाहनों को जब्त कर मालिक के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।पराग अग्रवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता
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