मौज-शौक पूरा करने, बाइक चोरी को बनाया धंधा, कितनी चुराई उन्हें भी नहीं पता
मौज-शौक पूरा करने, बाइक चोरी को बनाया धंधा, कितनी चुराई उन्हें भी नहीं पता

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
दुपहिया वाहन चुुराना, मौज-शौक पूरा करना और बाद में उन्हें औने-पौने दामों में बेच देना। कुछ इसी तरह अभ्यस्त अपराधी आए दिन दुपहिया वाहन की वारदातों में पकड़े जा रहे है लेकिन उन्हें कोई डर नहीं है। जेल से बाहर आते ही छोटी-मोटी चोरियों के साथ ही फिर से इसी तरह की वारदातें करना इनका शगल बन चुका है। इसी कारण से
जिले में इन दिनों प्रतिदिन दो से तीन दुपहिया वाहन चोरी हो रहे हैं। कोई दिन ऐसा नहीं निकल पा रहा जब वाहन चोरी की रिपोर्ट थाने में नहीं पहुंच रही है। चोर वाहन चुराते ही ग्रामीण क्षेत्र व हाइवे से दूसरे राज्यों में पहुंच रहे हैं और वापसी में दूसरे राज्यों के वाहन यहां लाकर खुर्दबुर्द कर रहे हैं। कई वाहन तो हाथोंहाथ कबाडिय़ों के जरिए पुर्जाे-पुर्जाे में तब्दील कर ट्रक में लोड हो रहे हैं।
विगत दिसम्बर 2019 तक के आकड़ों पर नजर डालें तो पूरे जिले में 603 दुपहिया वाहन चोरी हुए, इनमें सर्वाधिक वो बाइक है जिनके लॉक आसानी से खुल गए। पुलिस ने इनमें 13 गैंग भी पकड़े उनसे 206 वाहन बरामद हो पाए। जनवरी से अब तक नजर डाले लॉकडाउन के बावजूद वाहन चोर कम नहीं हुुए उन्होंने 350 से ज्यादा बाइक पार की जिनमें से आधी भी बरामद नहीं हो पाई। कई वाहनों का पता नहीं चलने पर उनका बीमा कंपनी से पैसे तक उठ गया। कई वाहन थाना चौकी में कबाड़ पड़े है उन्हें लेने भी कोई नहीं आया।
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अस्पताल व पार्र्किंग स्थल से उठा रहे वाहन
वाहन चोरों के लिए अब सुखेर, प्रतापनगर, हिरणमगरी थाने के अलावा पार्र्किंग स्थल पंसदीदा इलाका है। कई इलाके में तो इन्होंने घर के बाहर खड़े वाहनों को चुरा लिया। हाथीपोल से सर्वाधिक वाहन अस्पताल परिसर, मधुवन, चेतक से गए वहीं कुछ वाहन सुखाडिय़ा सर्कल तथा फतहसागर से पार हुए। सूरजपोल में बापूबाजार, टाउनहॉल, उदियापोल से वाहन गए। शहर के सभी थानाक्षेत्रों में औसतन प्रतिदिन एक वाहन चोरी हो रहा है। कुछ वाहन तो पुलिस को सुनसान इलाकों में कलपुर्जे निकले हुए हालत में मिले।
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आसानी से लॉक खुलने वाली बाइक ही उनकी पसंद
युवाओं की पसंद व शौक को पूरा करने के लिए भले ही कंपनियों ने फर्राटेदार स्पोर्ट बाइकों को सडक़ों पर उतारा हो लेकिन आज भी चोरों की पहली पसंद आसानी ने लॉक खुलने वाली बाइक है। फर्रादेदार बाइक को सिर्फ आशिक मिराज की ही लोगों के घरों से उड़ाया है। जिले के अलग-अलग थानों में पिछले तीन साल में पकड़ में आए चोरों से अब तक पुलिस ने 60 फीसदी बाइक स्पेंडर बरामद हुई। चोरों का कहना है कि इस बाइक का लॉक बड़ी आसानी से खुलने के साथ ही इसकी संख्या काफी है। शहर में दौडऩे के बावजूद एकाएक भीड़ के बीच में भी इसे पकडऩा आसान नहीं होता है। इसके अलावा यह बाइक ग्रामीण क्षेत्र में औने-पौने दामों में बिना कागज आसानी से बिक जाती है। पुलिस थानों में भी इन्हीं गाडिय़ों की सर्वाधिक भरमार है।
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