scriptएसओजी टीम नहीं पहुंचती तो एक और एक और को मिल जाती फर्जी सरकारी नौकरी | udaipur crime news | Patrika News

एसओजी टीम नहीं पहुंचती तो एक और एक और को मिल जाती फर्जी सरकारी नौकरी

locationउदयपुरPublished: Nov 15, 2020 01:29:57 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

एसओजी टीम नहीं पहुंचती तो एक और एक और को मिल जाती फर्जी सरकारी नौकरी

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
एसओजी व एटीएस की टीम ने मंगलवार को पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए भूपाल नोबल्स पब्लिक स्कूल में कम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसर की परीक्षा देते एक फर्जी अभ्यर्थी को पकड़ते हुए पूरे गैंग का भांडा कर छह जनों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने फर्जी अभ्यर्थी को बिठाकर पास करवाने के एवज में 4 लाख में सौदा किया था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक लाख रुपए नकद, 6 मोबाइल, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, एटीएम कार्ड, वोटरआईडी कार्ड सहित कई दस्तावेज बरामद किए।
एटीएस एएसपी अंजना सुखवाल ने बताया कि जयपुर मुख्यालय से सूचना मिली कि राष्ट्रीय मिशन राजस्थान द्वारा कम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसर के पद पर भर्ती परीक्षा में भूपाल नोबल्स पब्लिक स्कूल में फर्जी अभ्यर्थी बैठा है। सूचना पर सीआई विजय कुमार आर्य के साथ एसओजी के एसआई सुबोध जांगिड़, हेडकांस्टेबल धर्मेन्द्रसिंह, प्रदीप, एटीएस के भीमसिंह ने भूपालपुरा थानापुलिस के साथ भूपाल नोबल्स स्कूल के रूम नम्बर जी-16 में दबिश देकर फर्जी अभ्यर्थी जगराम की ढाणी गिडा बाड़मेर निवासी सांगाराम पुत्र राणाराम चौधरी को पकड़ा। उसके बाद स्कूल परिसर में ही दो कारों में आरोपी के भाई देवाराम चौधरी, खोखसर गीड़ा निवासी झूमरलाल पुत्र देवाराम चौधरी, खडगदा सागवाड़ा (डूंगरपुर) निवासी राकेश पुत्र भूपेन्द्र भील, वासनी निकुंबा डांगीयावास निवासी अनिल पुत्र नेनाराम विश्नोई, ओड़ सागवाड़ा (डूंगरपुर) निवासी नरेश पुत्र गोपाल पाटीदार को धरदबोचा। टीम ने आरोपियों से नकदी व सामान जब्त कर उनके विरुद्ध भूपालपुरा थाने में धारा 419,420,467,468,471 व 120 बी के अलावा राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों पर रोक) अधिनियम 1992 की धारा 3/6 में मामला दर्ज करवाया।

टीम को देखते ही घबरा गया आरोपी
पुलिस ने बताया कि सूचना पर टीम ने स्कूल पहुंच प्रिसिंपल सीमा नरुका को सूचना दी। रूम नम्बर जी-16 में वीक्षक रणधीरसिंह को जानकारी देकर रोल नम्बर 505415 की सीट पर बैठे अभ्यर्थी के पास पहुंचे। आरोपी टीम को देखते ही घबरा गया। कुछ देर सोचने के बाद उसने स्वयं का नाम ओड़ सागवाड़ा (डूंगरपुर) निवासी नरेश पुत्र गोपाल पाटीदार बताया। कड़ाई से पूछताछ करते ही सही नाम जगराम की ढाणी गिडा बाड़मेर निवासी सांगाराम पुत्र राणाराम चौधरी बताया। आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस ने स्कूल परिसर के आसपास से सभी आरोपियों को धरदबोचा।

प्रोविजनल एडमिट कार्ड में फर्जी हस्ताक्षर
टीम ने आरोपी सांगाराम क पास से अभ्यर्थी रेश पाटीदार का आधार कार्ड, पेन कार्ड, स्वयं का आधार कार्ड के अलावा वीक्षक द्वारा नरेश पाटीदार की दी गई ओएमआर सीट, प्रोविजनल एडमिट कार्ड, कोविड-19 सेल्फ डिक्लरेशन सर्टिफिकेट, टेस्ट बुकलेट सेट बरामद किया। जांच में करने ओएमआर सीट में सभी 100 प्रश्नों के उत्तर काले पेन से भरे मिले। टेस्ट बुक लेट में भी सभी प्रश्नों पर ओएमआर शीट पर लगे गोलों के अनुसार सही का निशान अंकित किया हुआ था। प्रोविजनल एडमिट कार्ड पर सांगाराम ने अभ्यर्थी नरेश पाटीदार के फर्जी हस्ताक्षर किए हुए थे।

पैसा लेने के बाद खुद परीक्षा दिलवाने आए
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि इस गैंग का मुख्य सरगना झूमर चौधरी है। उसी ने राकेश भील के मार्फत नरेश पाटीदार से 4 लाख रुपए में परीक्षा पास करवाने का सौदा किया था। झूमर ने अपने मित्र देवाराम से बात कर उसके भाई सांगाराम को नरेश पाटीदार के स्थान पर परीक्षा में बिठाया। इस पूरे फर्जीवाड़ा में अनिल कुमार ने झूमर का सहयोग किया। सभी आरोपी परीक्षा दिलवाने खुद गाडिय़ों में उदयपुर पहुंचे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो