पत्रकार वार्ता में जिलाध्यक्ष आरके धाभाई, सचिव राजराजेश्वर जैन, उपाध्यक्ष विकास अग्रवाल, सहसचिव मनोज गोयल, वित्त सचिव राजेंद्र जैन मौजूद थे। बताया कि खेरवाड़ा से आगे भारत पेट्रोलियम कंपनी के दो पेट्रोल पम्प की प्रतिदिन की बिक्री 80 हजार और 60 हजार लीटर प्रतिदिन थी। राज्य सरकार की ओर से कोरोना काल में तीन बार वेट बढ़ाने पर बढ़ी कीमतों से अब दोनों पम्पों की बिक्री मात्र तीन हजार लीटर और दो हजार लीटर रह गई है। सीमावर्ती जिलों में लोग अन्य राज्यों से ड्रम एवं केन भरकर डीजल पेट्रोल ला रहे हैं और गांव में इनकी बिक्री कर रहे हैं। बायोडीजल के नाम पर अवैध पेट्रोलियम पदार्थ की भी बिक्री हो रही है। सचिव जैन ने बताया कि 10 वर्ष पूर्व प्रदेश की सीमा में बने पेट्रोल पम्पों पर सस्ता डीजल इस प्रकार के बोर्ड पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा लगाए जाते थे। आज स्थितियां इसके उलट हो गई है।