सूरजपोल थानाधिकारी पुनाराम और डीएसटी प्रभारी डॉ. हनवन्तसिंह राजपुरोहित की टीम ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे और मौजूद लोगों से जानकारी ली तो पता चला कि मृतक के भाई राहुल का एक साल पहले मोहम्मद ताहिर के साथ झगड़ा हो गया था। इसी रंजिश के चलते मोहम्मद ताहिर व साथी हसन खान से मिलकर चाकू वार और अवैध देशी कट्टे से फायर कर विजय कीर की हत्या कर दी। पुलिस ने तकनीकी संसाधन और मुखबिर की सूचना के आधार पर आरोपियों का पता लगाया।
आरोपी पर और भी मामले
प्रारम्भिक पूछताछ पर आरोपियों ने स्वीकार किया कि मृतक विजय कीर के भाई राहुल से एक साल पहले हुए झगड़े की रंजिश के कारण इस घटना को अंजाम दिया। आरोपी मोहम्मद ताहिर के विरुद्ध पूर्व में हत्या का प्रयास, चोरी एवं आम्र्स एक्ट के तीन प्रकरण थाना सूरजपोल और घटांघर पर दर्ज है।
यह था मामला
उल्लेखनीय है कि गली नम्बर 12 स्वराजनगर माछला मगरा निवासी जगदीश कीर पुत्र जसवन्त कीर ने सोमवार को रिपोर्ट दी। बताया था कि रात 9 बजे गली नम्बर 10 में उसके छोटे भाई विजय कीर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह किसी काम से दुकान पर गया था तब ही आरोपियों ने उसे रोककर मारपीट शुरू कर दी। परिजन दौड़े तब तक आरोपियों ने देशी कटï्टे से गोली मार दी और चाकू से गोद दिया। लहूलुहान हालत में परिजन उसे एमबी अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
लॉकडाउन के कारण भाग नहीं पाए आरोपी आरोपी हत्या के बाद उदयपुर जिले से बाहर भागने की फिराकमें थे। वे यहां से निकलकर गोगुन्दा तक चले गए, लेकिन जिले की सीमा पर नाकाबंदी होने के कारण वे आगे नहीं बढ़ पाए। ऐसे में आरोपी वापस उदयपुर लौट आए। मल्लातलाई क्षेत्र में पहुंचे, लेकिन वे खुले में नहीं निकल पाए। ऐसे में उन्होंने जंगल में समय बिताना उचित समझा। पुलिस ने सोमवार रात को आरोपियों के रिश्तेदारों, परिचितों के यहां दबिश दी, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। ऐसे में मंगलवार सुबह शहर के आसपास के ऐसे ठिकानों पर तलाशी शुरू की, जो आबादी से कुछ अलग थे, लेकिन ज्यादा दूर नहीं थे। इधर, साइबर सेल ने आरोपियों की लोकेशन तलाश ली। ऐसे में आरोपी जंगल में मिल गए। पुलिस ने घेरा डालकर दबोच लिया। उन्होंने भागने का प्रयास भी किया, लेकिन सफल नहीं हुए।
जंगल से पकड़ाए आरोपी
पुलिस ने आरोपियों को सज्जनगढ़ के आसपास जंगल से पकड़ा। आरोपियों का पता लगाने में सूरजपोल थानाधिकारी पुनाराम, डीएसटी प्रभारी डॉ. हनवन्तसिंह, गोगुन्दा थानाधिकारी प्रवीणसिंह के साथ हैड कांस्टेबी ओमवीरसिंह, अर्जुनसिंह, सुखेदवसिंह, कांस्टेबल तपेन्द भादु, प्रहलाद पाटीदार, शक्तिसिंह, साइबर सेल से गजराजसिंह, लोकश रायकवाल की भूमिका रही।