जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, आजीविका ब्यूरो चाइल्ड लाइन, नोडल संस्थान उदयपुर स्कूल ऑफ सोशल वर्क और चाइल्ड लाइन कोलेब सेवा मंदिर के संयुक्त तत्वावधान में कार्रवाई हुई। मेट और बिचौलियों की ओर से बच्चों को गुजरात के सूरत व अहमदाबाद आदि क्षेत्रों में बालश्रम के लिए निरंतर ले जाया जा रहा है। इस बीच गोगुंदा से सूरत के लिए बच्चों को ले जाने की सूचना मिली। इस पर आजीविका ब्यूरो के कार्यक्रम अधिकारी संतोष पुनिया ने चाइल्ड लाइन जिला समन्वयक नवनीत औदिच्य को सूचना दी। आजीविका ब्यूरो के महेंद्र और प्रतिभा ने फतेहपुरा चौराहे पर रोडवेज बस रुकवाकर 3 बाल श्रमिक और साथ में दो व्यक्तियों से पूछताछ की। इसमें पाया गया कि बच्चों को सूरत काम के लिए ले जाए जा रहा था।
दर्ज कराया केस
चाइल्ड लाइन समन्वयक ने निदेशक डॉ. लालाराम जाट को सूचित करते हुए कोलेब संस्थान सेवा मन्दिर के टीम सदस्य मोहनलाल लोहार एवं घनश्याम को फतेहपुरा भेजा। बच्चों को ले जाने वाले गोगुन्दा निवासी दल्लाराम और पाली निवासी सादला के खिलाफ अम्बामाता थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। बाल कल्याण समिति सदस्य राजीव वर्मा को सूचित करते हुए बच्चों को आसरा विकास संस्थान में आश्रय दिलवाया गया।
बदला तरीका
चाइल्ड लाइन समन्वयक ने निदेशक डॉ. लालाराम जाट को सूचित करते हुए कोलेब संस्थान सेवा मन्दिर के टीम सदस्य मोहनलाल लोहार एवं घनश्याम को फतेहपुरा भेजा। बच्चों को ले जाने वाले गोगुन्दा निवासी दल्लाराम और पाली निवासी सादला के खिलाफ अम्बामाता थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। बाल कल्याण समिति सदस्य राजीव वर्मा को सूचित करते हुए बच्चों को आसरा विकास संस्थान में आश्रय दिलवाया गया।
बदला तरीका
बच्चे और परिवार को बहला-फुसलाकर बालश्रम के लिए तैयार करना और उन्हें गुजरात ले जाने का क्रम जारी है। अब तक ज्यादातर निजी बसों से बच्चों को ले जाया जाता रहा है, लेकिन अब छोटी गाडिय़ों और रोडवेज बस का भी उपयोग किया जा रहा है।