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सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर प्रकरण में बरी होने के बाद बोलेे द‍िनेश एमएन… शीघ्र सभी साथी आएंगे बाहर

locationउदयपुरPublished: Sep 10, 2018 11:16:57 pm

Submitted by:

madhulika singh

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IPS Dinesh mn

IPS Dinesh mn

मो. इलियास/ उदयपुर. बहुचर्चित सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकांउटर प्रकरण में सोमवार को मुंबई हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आईपीएस दिनेश एमएन सहित गुजरात के सभी आईपीएस अधिकारियों व डीएसपी नरेंद्र अमीन व कांस्टेबल दलपतसिंह को बरी कर दिया। न्यायालय से राहत भरा निर्णय आने के बाद एमएन ने कहा कि हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा था, इस निर्णय से हम सभी खुश है। उम्मीद है कि शीघ्र हमारे सभी साथी भी जल्द बाहर आएंगें।
मुंबई हाईकोर्ट में दोपहर १२ बजे आए निर्णय में न्यायालय ने आईपीएस दिनेश एमएन., गुजरात के डीजी बंजारा, राजकुमार पांडयन, विपुल अग्रवाल के अलावा डीएसपी नरेंद्र अमीन व कांस्टेबल दलपतसिंह को बरी कर दिया। गौरतलब है कि निचली अदालत के सभी अधिकारियों को बरी करने के बाद छह याचिका दायर की गई थी। इसमें तीन पुनरीक्षण याचिका सोहराबुद्दीन के भाई रुबाबुद्दीन ने फैसले के विरोध में डाली, जो गुजरात के पूर्व डीआईजी डीजी वंजारा, आईपीएस राजकुमार पांडियन व दिनेश एमएन के खिलाफ थी। वहीं सीबीआई ने राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल दलपत सिंह राठौड़ व गुजरात पुलिस के अधिकारी एनके अमीन के खिलाफ याचिका दी थी। एक याचिका सह आरोपी गुजरात आईपीएस विपुल अग्रवाल ने दी। अग्रवाल की आरोपमुक्त करने संबंधी याचिका को पिछले साल निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। विपुल अग्रवाल की याचिका पर भी अलग से सुनवाई की गई।
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15 जने हो चुके बरी
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद यह केस मुंबई की विशेष अदालत में स्थानांतरित हुआ था। जहां 2014 से 2017 के बीच 38 में से 15 जनों को बरी कर दिया। आरोपमुक्त में 14 पुलिस अधिकारी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शामिल हैं।
सीबीआई ने मुठभेड़ को फर्जी बताया था
सीबीआई ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर को फर्जी बताया था। कहा था कि गुजरात के एक संदिग्ध गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख व उसकी पत्नी कौसर बी को गुजरात एटीएस व राजस्थान पुलिस के अधिकारियों ने हैदराबाद के पास से अगवा कर लिया था। बाद में उन्हें नवंबर, 2005 में एक फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया गया। सीबीआई ने दावा किया था कि राजस्थान पुलिस के कुछ अधिकारियों ने गुजरात व राजस्थान के अधिकारियों के इशारे पर तुलसी प्रजापति को भी दिसंबर, 2006 में अन्य फर्जी मुठभेड़ में मारा था।
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