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एक ऐसा थाना जहां घुसते ही बहक जाते कदम

locationउदयपुरPublished: Jan 22, 2019 11:14:49 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

एक ऐसा थाना जहां घुसते ही बहक जाते कदम

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मोहम्मद इलियास/उदयपुर

मेवाड़-मारवाड़ मार्ग के बीच में पडऩे वाला गोगुन्दा एक ऐसा थाना है जहां कदम रखते ही हर कोई बहक जाता है। यह सुनने में बड़ा अजीब लगे लेकिन हकीकत है यहां पिछले 15 साल से थाने का हर कमरा नशे के माल से अटा पड़ा है। अंदर घुसते ही इस माल की मादक महक से एकाएक हर किसी के कदम रुक जाते है, हर कोई यहां बोरे में लदे डोडा चूरा की तरफ निहारता जरुर है। अब तो हालत ऐसे हो गए कि थाने के कमरे-बैरक भरने के बाद बड़े वाहनों को गोदाम के रुप में काम में लेकर उनमें माल भरना पड़ रहा है। तस्करी के इस माल को पकडऩे के लिए कई बार पुलिस की जान पर भी आई, तस्करों ने पुलिस वाहनों को टक्कर मारी तो गोली भी चलाई। पीछा करने पर अधिकांश तस्कर माल व गाड़ी छोडकऱ भागने में कामयाब भी रहे। पुलिस ने माल जब्त कर कमरों में भरा लेकिन गाडिय़ां अधिकांश चोरी की निकली।
वर्तमान में इस थाने में करीब 5 टन से ज्यादा डोडा चूरा भरा है जिसके निस्तारण के लिए न्यायालय में प्रक्रिया विचाराधीन है।

अफीम डोडा पैदावार इलाका व परिवहन
मंदसौर, नीमच, पीपली मंडी (मध्यप्रदेश) प्रतापगढ़, चित्तौडगढ़़, उदयपुर व भीलवाड़ा से लगता कुछ हिस्सा
– परिवहन रूट – मध्यप्रदेश से प्रतापगढ़, छोटीसादड़ी, बड़ीसादड़ी, निकुंभ, मंगलवाड़, भींडर, खेरोदा, डबोक, प्रतापनगर, सुखेर, गोगुन्दा, पिंडवाड़ा से मारवाड़ करीब तीन सौ किलोमीटर मार्ग
– पूरे रूट पर राजस्थान के तीन जिले के 15 थाने
– अकेले गोगुन्दा थाने में अब तक पकड़ा गया डोडा चूरा- करीब 5 टन

इस वर्ष करीब 2.25 करोड़ का पकड़ा गया माल
गोगुन्दा थानाक्षेत्र में अब तक गत वर्ष 28 जनवरी 2018 से 17 जनवरी 2019 तक अब तक 2.25 करोड़ का डोडा चूरा पकड़ते हुए 15 गाडिय़ां जब्त की। सभी गाडिय़ा महंगी होकर लग्जरी है जो अधिकांश चोरी की निकली। पुलिस ने इन मामलों में 11 तस्कर पकड़े जबकि कई वाहन छोडकऱ भाग निकले।

नियम- पैदावार स्थल पर ही नष्ट करना है डोडा चूरा

सरकारी की देखरेख में उगने वाली अफीम को एकत्रित करने के बाद उसके डोडा को अधिकारियों की मौजूदगी खेतों में ही नष्ट करना है लेकिन दिखावे के लिए खेतों में मूंगफली के छिलके को नष्ट कर डोडा चूरा की तस्करी की जा रही है। इस डोडा चूरा में नशा होने से मारवाड़ में इसका बहुतायत मात्रा में चलन है। सरकार के प्रतिबंध व धरपकड़ के चलते पांच साल में डोडा चूरा की कीमत 600 रुपए चार गुना बढ़ गई।

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