उदयपुर

संभलकर निकले शाम को वाहन लेकर, आप भी हो सकते हो हादसे के शिकार’ बुझ रहे ‘चिराग’

संभलकर निकले शाम को वाहन लेकर, आप भी हो सकते हो हादसे के शिकार’ बुझ रहे ‘चिराग’

उदयपुरJan 30, 2019 / 03:11 pm

Mohammed illiyas

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
लोग शाम को घरों में दीपक जला उजियारा करते लेकिन वहीं शाम सडक़ों पर कई घरों के चिराग बुझा अंधेरा कर रही है। जिक्र सडक़ हादसों का किया जा रहा है। शाम 6 से 10 बजे के बीच जिले में सर्वाधिक हादसे होते हंै। पिछले छह माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक 2230 हादसों में 557 जाने गई और कई अपंग हो गए। इन हादसों के पीछे जिले में हाइवे पर नशे की हालत में सरपट दौड़ते वाहन व शहर में यातायात दबाव, ओवर स्पीडिंग व रोड नेटवर्क की खामी है, लेकिन जिम्मेदार पुलिस-प्रशासन अब तक दुर्घटना जॉन को भी चिह्नित भी नहीं कर पाया।उदयपुर-अहमदाबाद हाइवे व झाड़ोल-कोटड़ा का सर्पीलाकार मार्ग प्रतिवर्ष कई जानें ले रहा है तो प्रतापनगर-बलीचा तो खूनी बाइपास हो चला है। हाई-वे व शहर में आए दिन रुदन, क्रंदन गूंजते हैं।
जिले में पिछले 2 वर्ष में 42 थानाक्षेत्र में 2703 दुर्घटनाएं हुई। इनमें 1034 लोग मारे गए तो 3236 लोग घायल हुए। पिछले 6 माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2230 हादसों में गंभीर घायल एमबी चिकित्सालय पहुंचे, इनमें 25 फीसदी लोगों की मौत हो गई।
जिले में विगत 6 माह में हुई सडक़ दुर्घटना
कुल दुर्घटनाएं- 2230
घायल पुरुष – 1840
घायल महिलाएं – 380
मृतक 557

इस समय सर्वाधिक दुर्घटनाएं
– शाम 6 से 10 बजे – 609 हादसे
– रात 12 से तडक़े 6 बजे- 416 हादसे
– दोपहर 12 से शाम 4 बजे – 368 हादसे
– रात 10 से 12 बजे – 357 हादसे

हर माह 63 महिलाएं हादसे की शिकार
60 प्रतिशत स्वयं व 40 प्रतिशत दूसरों की गलती से हुए हादसे
हादसों के प्रमुख कारण
– बढ़ता यातायात दबाव- सडक़ के मुकाबले ज्यादा चारपहिया वाहन
– अधिकांश ओवरस्पीडिंग के शिकार होते है।
– शाम के समय नशे में भी सर्वाधिक लोग- हाई-वे पर गलत ओवरटेकिंग
– हाई-वे पर नियम विरुद्ध गांव की समस्त सडक़ों का मिलन
– हाईवे पर सर्विस लाइन वाहन पार्किंग के काम आ रहे है।
– रोड सेफ्टी ऑडिट नहींहर थानाक्षेत्र में हुई मौते
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