सीसीटीवी से पकड़ा गया आरोपी परिजनों का कहना था कि सत्यनारायण रात को घर से स्कूटी लेकर गया था। तलाशी के दौरान यह स्कूटी कस्बे में ही कॉलेज के बाहर मिल गई। परिजनों ने कॉलेज स्टॉफ की मदद से वहां लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले जिससे लोकेश जीनगर द्वारा उसे कार में बिठाने व मुख्य चौराहे की ओर ले जाने की पुष्टि हुई। परिजनों ने आरोपी लोकेश पर शक जाहिर करते हुए पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस ने मोबाइल कॉल डिटेल से आरोपी को हिरासत में ले लिया।
शव मिलने के बाद स्वीकारोक्ति
पुलिस ने शक के आधार पर शव मिलने से पहले ही लोकेश को हिरासत ले लिया था। आरोपित ने बताया कि उसने सत्यनारायण अग्रवाल को फोन कर घर से बाहर बुलाया। आरोपी उसे कार में बिठाकर मेन चौराहे पर ले गया। वहां उसे चाऊमीन की मनुहार की, मना किया तो वह फलूदे में नशीली गोलियां मिलाकर ले आया। सत्यनारायण के बेहोश होने के बाद आरोपी उसे कार में लेकर पूरे कस्बे में इधर-उधर घूमते रहा। बाद में वह मावली-नाथद्वारा रोड पर बडियार के निकट गया और कार में रखे तकिए से मुंह दबा हत्या करने के बाद शव फेंक दिया। इसके बाद वह घर जाकर सो गया।
पुलिस ने शक के आधार पर शव मिलने से पहले ही लोकेश को हिरासत ले लिया था। आरोपित ने बताया कि उसने सत्यनारायण अग्रवाल को फोन कर घर से बाहर बुलाया। आरोपी उसे कार में बिठाकर मेन चौराहे पर ले गया। वहां उसे चाऊमीन की मनुहार की, मना किया तो वह फलूदे में नशीली गोलियां मिलाकर ले आया। सत्यनारायण के बेहोश होने के बाद आरोपी उसे कार में लेकर पूरे कस्बे में इधर-उधर घूमते रहा। बाद में वह मावली-नाथद्वारा रोड पर बडियार के निकट गया और कार में रखे तकिए से मुंह दबा हत्या करने के बाद शव फेंक दिया। इसके बाद वह घर जाकर सो गया।
प्रतिस्पद्र्धा के चलते हत्या जांच में पता चला कि पूर्व में जिस दुकान को सत्यनारायण ने किराए पर लिया था, वह पहले लोकेश जीनगर की थी। सत्यनारायण ने यही दुकान अधिक भाड़ा देकर उसके मालिक से ले ली। लोकेश ने एक बार दुकान खाली कर दी। बाद में उसने सत्यानारायण की दुकान के सामने ही अन्य दुकान किराए लेकर धंधा शुरू किया लेकिन इसमें प्रतिस्पद्र्धा के चलते इनमें खींचतान हो गई। एएसपी ग्रामीण दशरथ सिंह एवं हिम्मत सिंह देवल के नेतृत्व में फतहनगर थानाधिकारी गोपाल शर्मा, मावली थानाधिकारी घनश्याम सिंह, भींडर थानाधिकारी मानसिंह ने वारदात का खुलासा किया।