उन्होंंने सदन को संघ की भावी योजनाओं की जानकारी देते हुये बताया कि केन्द्र सरकार की डीआईडीएफ येाजना के अंतर्गत संघ मेंं 3 लाख लीटर दूध प्रतिदिन की क्षमता का अत्याधुनिक नया दुग्ध संयंत्र लगाने हेतु एक योजना बनाकर राज्य सरकार को भेज दी है, जिसकी स्वीकृति प्राप्त होते ही इसका कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा। साथ की राज्य सरकार की अनुदानित योजना मेंं संघ मेंं 500 व्यक्तियों की क्षमता का किसान प्रशिक्षण ऑडिटोरियम /केन्द्र भी बनाया जायेगा। साथ ही उन्होंंने राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई अन्नपूर्णा दुग्ध योजना हेतु राज्य सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया।
READ MORE : न्यूरो से जुड़ी बीमारियों का समय रहते उपचार जरूरी नहीं तो बढ़ जाता है खतरा, इसे लेकर रहना चाहिए गंभीर आमसभा मेंं गत बैठक की कार्यवाही की पुष्टि, संघ के गत वर्ष के वार्षिक लेखोंं का अनुमोदन, चालू वित्त्तीय वर्ष की कार्ययोजना एवं बजट का अनुमोदन, गत वर्ष की आॅॅडिट रिपेार्ट अनुपालना की पुष्टि, संचालक मंडल के खर्चोंं का अनुमोदन, आंतरिक एवं वैधानिक अंकेक्षक नियुक्त करने बाबत निर्णय लिए गए।
संघ अध्यक्षा ने उपस्थित अध्यक्षों से अनुरोध किया कि वे सभी अपनी-अपनी समितियों के एवं गतिविधियों की नियमित रूप से मोनीटरिंग एवं समीक्षा करें तथा दुग्ध समिति एवं संघ के विकास मेंं अपनी रचनात्मक भागीदारी सुनिश्िचत करेें ताकि समिति सदस्यों को समय-समय पर जारी सभी योजनाओं का लाभ मिल सके। संघ का प्रयास यही है कि दुग्ध उत्पादकोंं को उनके दूध का समय समय पर उचित मूल्य मिले।
अपने अध्यक्षीय प्रतिवेदन के अंत मेंं संघ अध्यक्षा ने सभी दुग्ध उत्पादकों, उपभोक्ताओं, संचालक मंडल सदस्यों, संघकर्मियों, रिसोर्स पसरन ,दुग्ध वितरकों, बैंकरस, बीमा कम्पनियां, आरसीडीएफ, एनडीडीबी, केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, विषेष तौर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव, गोपालन विभाग, एवं आयुक्त जनजाति विभाग, जिला परिषद आदि को धन्यवाद देते हुये अपना प्रतिवेदन समाप्त किया। आमसभा मेंं दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के बड़ी संख्या मेंं अध्यक्षोंं ने भाग लिया।
संघ अध्यक्षा ने उपस्थित अध्यक्षों से अनुरोध किया कि वे सभी अपनी-अपनी समितियों के एवं गतिविधियों की नियमित रूप से मोनीटरिंग एवं समीक्षा करें तथा दुग्ध समिति एवं संघ के विकास मेंं अपनी रचनात्मक भागीदारी सुनिश्िचत करेें ताकि समिति सदस्यों को समय-समय पर जारी सभी योजनाओं का लाभ मिल सके। संघ का प्रयास यही है कि दुग्ध उत्पादकोंं को उनके दूध का समय समय पर उचित मूल्य मिले।
अपने अध्यक्षीय प्रतिवेदन के अंत मेंं संघ अध्यक्षा ने सभी दुग्ध उत्पादकों, उपभोक्ताओं, संचालक मंडल सदस्यों, संघकर्मियों, रिसोर्स पसरन ,दुग्ध वितरकों, बैंकरस, बीमा कम्पनियां, आरसीडीएफ, एनडीडीबी, केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, विषेष तौर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव, गोपालन विभाग, एवं आयुक्त जनजाति विभाग, जिला परिषद आदि को धन्यवाद देते हुये अपना प्रतिवेदन समाप्त किया। आमसभा मेंं दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के बड़ी संख्या मेंं अध्यक्षोंं ने भाग लिया।