पंचायतों का पुनर्गठन : ध्यान रखे पहाड़ों के फले दो पंचायतों में नहीं बट जाए
उदयपुर. पंचायतों के पूर्व में हुए पुनर्गठन में कुछ जगह पर पहाड़ों पर बसे फले में लोगों के घर अलग-अलग पंचायतों में शामिल कर लिए ऐसे में वहां रहने वाले लोगों को परेशानियां हो रही है और उनके पंचायत तक जाने के चक्कर भी लम्बा हो जाता है। यह बात शनिवार को यहां पंचायतो/पंचायत समितियो/नगर निकाय के पुर्नगठन/सीमांकन/नवसर्जन के लिए देहात कांग्रेस कमेटी की ओर से बनाई जिला समन्यव समिति, पंचायत समितिवार एवं निगम के वार्डो के प्रभारियों की अमल का कांटा कार्यालय में हुई बैठक में पदाधिकारियों ने रखी। उनका कहना था कि किसी गांव-ढाणी या फला की भौगोलिक स्थिति तो वहां के लोग जानते है न कि बाहर का कोई प्रतिनिधि, ऐसे में इस बात का ध्यान रखा जाए कि हमारे स्थानीय उस क्षेत्र के पदाधिकारी सक्रिय रहे और ऐसा कुछ गलत हो रहा है तो समय रहते आपत्ति दर्ज कराए। देहात अध्यक्ष लालसिंह झाला ने कहा इस कार्य के लिए ऊपर से नीचे तक सभी को समन्वय से कार्य करना है, ऐसी कई पंचायते है जिनका पूर्व में पुर्नगठन के समय अलग-थलग सीमांकन कर दिया गया। झाला ने कहा कि जिले में कई पंचायतों को अपने पास की बजाय दूर की पंचायत समितियों में शामिल कर दिया गया था उनको भी वापस पास की पंचायत समिति में शामिल कराने के लिए काम करना होगा। बैठक में पूर्र्व जिला प्रमुख छगनलाल जैन, पूर्व जिलाध्यक्ष ख्यालीलाल सुवालका, पूर्व उप जिला प्रमुख श्यामलाल चौधरी, कांग्रेस नेता रामलाल गाडरी, निरंजन नारायण सिंह, देवेन्द्रसिंह शक्तावत, जीतसिंह चुण्डावत, प्रवक्ता टीटू सुथार आदि उपस्थित थे।
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