उदयपुर

गांवों के विकास में उदयपुर पिछड़ा, पंचायती राज विभाग की ओर से जारी रैंकिंग में उदयपुर रहा इतने नंंबर पर..

– निगरानी नहीं होने से मनमर्जी का खेल, विकास योजनाएं अधूरी

उदयपुरFeb 18, 2019 / 05:20 pm

Sikander Veer Pareek

Patwari’s post vacant, rural distress

सिकंदर पारीक/उदयपुर . ग्रामीण विकास में उदयपुर जिला पिछड़ गया है। विभिन्न विकास योजनाओं में प्रगति धीमी है तो कई जगह योजनाएं शुरू भी नहीं हो पाई। पर्याप्त निगरानी के अभाव में विभिन्न पंचायत समितियों में विकास अधिकारी व मातहतों की ओर से मनमर्जी के खेल खेले जा रहे हैं। नतीजतन ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। कहीं पैसा लैप्स हो रहा है तो कहीं दिए गए पैसे का हिसाब ही गोल है। पंचायतराज विभाग की ओर से हाल ही में जारी जिलों की रैकिंग में उदयपुर को 20वीं रैंक मिली है जबकि झुंझुनूं व बाड़मेर जैसे जिले प्रथम व द्वितीय रैंक पर रहे हैं।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जिला परिषद के अधिकारियों को चेताया कि वे अब निर्धारित मापदंडों के अनुसार कार्य करें अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आवास योजना के तहत सभी आवंटित आवास का निर्माण 31 मार्च तक हर हाल में करने को कहा है। इसी तरह वंचित पात्र परिवारों को जिओ टेगिंग के बाद आवास प्लस एप पर अपलोड करने के लिए 7 मार्च तक का समय दिया है। गांवों में जिन परिवारों के पास पट्टे नहीं है, उन्हें अभियान चलाकर लाभ देंगे।
हिसाब तो दें

चौदहवें वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग पंचम, बीआरजीएफ व अन्य योजनाओं में सरकार ने जो राशि भेजी, उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र अभी तक अधिकांश ग्राम पंचायतों ने नहीं सौंपा है। ऐसे में न तो हिसाब-किताब मिल रहा है और ना ही केन्द्र की ओर से संचालित योजनाओं में द्वितीय किस्त मिल रही है। इसके लिए भी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को हिदायत दी गई है।
उदयपुर इनमें रहा फेल

– राजीविका व आवास योजना
– नरेगा में जिओ टैकिंग

– स्वच्छता में बनाए टॉयलेट का भुगतान
– बकाया यूसी जमा करवान

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