ब्लड लेने पहुंचे तीमारदार ने लैब टेक्निशियन से ब्लड की मांग की। इस पर टेक्निशियन ने ब्लड के बदले परिजनों का ब्लड दिलाने का कायदा बताया। टेक्निशियन ने जब यह कह दिया कि पिछली बार ही मजबूरी को देखते हुए ब्लड उपलब्ध करा दिया था। अब ऐसा नहीं चलेगा कहते हुए तीमारदार को फटकार लगा दी। यह सुनते ही तीमारदार भडक़ गया और चिल्ला कर बोला कि ब्लड फोकट में नहीं मिला है। 2 हजार खर्च कर वह पिछली बार ब्लड ले गया था। इसके बाद पूरे ब्लड बैंक में कुछ समय के लिए सन्नाटा छा गया। ये सुनकर वहां मौजूद कार्मिकों में खलबली मच गई।
पहले भी हुई खून की खुली लूट
पिछली सर्दी के दौरान भी यहां एक बुजुर्ग व्यक्ति से ब्लड बैंक के बाहर अज्ञात युवक की ओर से छीना झपटी कर ब्लड यूनिट छीनने का मामला सामने आया था। इसकी शिकायत करते हुए बुजुर्ग ने स्टाफ से उसके बेटे के लिए फिर से रक्त यूनिट की मांग की, तब घटना का खुलासा हुआ था।
एकांत का फायदा
ब्लड बैंक पन्नाधाय महिला चिकित्सालय की साइड वाली गली में एक छोर पर स्थित है। ओपीडी समय के बाद इस हिस्से में सन्नाटा पसर जाता है। इसका फायदा उठाते हुए ही बदमाश रक्त के जरूरतमंदों को रुपए लेकर गुमराह करते हैं। उनसे रुपए लेकर रक्त की व्यवस्था भी करा देते हैं। हालातों पर गौर करें तो स्टाफ के मामले में लिप्त होने की आशंका घेरती है, लेकिन स्टाफ मामले में खुद को पाक साफ बताने में जुटा है। बीते कई दिनों से भी यहां खून के दलालों की सक्रियता की खबरें भी आती रही हैं।
अशिक्षा भी जिम्मेदार
खून के दलाल मामले में अनपढ़ और ग्रामीण लोगों को लूट का शिकार बनाते हैं, जो कि खून देने से शरीर को होने वाले कथित नुकसान की चिंता में रहते हैं। ब्लड बैंक का कायदा है कि रक्त के बदले परिजनों से उतना ही रक्त लिया जाता है। विशेष परिस्थिति में परिजनों के स्वस्थ नहीं होने की स्थिति में संबंधित चिकित्सक उसके नाम से लोन पर मरीज को ब्लड बैंक से ब्लड दिलाने की अनुशंसा करता है।
संविदाकर्मी पर अंदेशे के बाद हमने तीमारदार को उसके आमने-सामने कराया। उसने रक्त देने वाले टेक्निशियन की पहचान तो कर ली, लेकिन रुपए लेने वाले व्यक्ति की पहचान नहीं कर पाया। एहतियात बरतते हुए हमने संविदा कर्मी की सेवाएं समय के साथ समाप्त कर दी है।
डॉ. संजय प्रकाश, ब्लड बैंक प्रभारी, आरएनटी मेडिकल कॉलेज
हुआ यूं कि दुर्घटना में घायल पिण्डावल निवासी तुलसाराम पुत्र लक्ष्मण को एमबी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। उसे 25 अक्टूबर और 6 नवम्बर को खून की कमी के चलते रक्त चढ़ाया गया। फिलहाल वह पॉलीट्रोमा आईसीयू वार्ड के बेड संख्या 14 पर भर्ती है। रक्त की आवश्यकता के बीच उसका तीमारदार कांतिलाल ब्लड बैंक पहुंचा। उसने टेक्निशियन को रक्त देने से पहले खरी खोटी सुनाई और रक्त के बदले परिजन को रक्तदान कराने की सलाह दी। साथ ही पिछली बार भी उदारता में रक्त यूनिट देकर मदद करने का एहसान जताया।