पेड़ों पर इतनी बेरहमी से दनादन चलाई कुल्हाड़ी, वापस नहीं आई हरियाली
उदयपुरPublished: Jul 03, 2020 08:55:01 pm
पेड़ों पर इतनी बेरहमी से दनादन चलाई कुल्हाड़ी, वापस नहीं आई हरियाली
lockdown help environment
मोहम्मद इलियास/उदयपुर
उदयपुर-गोमती फोरलेन निर्माण के दौरान भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व संबंधित एजेन्सियोंं ने पेड़ों पर दनादन कुल्हाड़ी चलाते हुए हरियाली ही छीन ली। भारत सरकार से पेड़ काटने की सशर्त स्वीकृति लेने वाले विभाग ने काटे गए पेड़ों के आधे भी वापस नहीं लगाए, जबकि उन्हें तीन गुना पेड़ लगाने पर कटाई की इजाजत मिली थी। इसका खुलासा आरटीआई में हुआ है।
फोरलेन निर्माण के दौरान विभाग ने उदयपुर व राजसमंद के 83 किलोमीटर क्षेत्र में 6833 फलदार व औषधीय युक्त पुराने पेड़ काटे लेकिन उनके आधे भी नहीं लगाए। शर्त के अनुसार उन्हें तीन गुना 27015 पौधे लगाने थे। आरटीआई में जवाब में उन्होंने राजमार्ग पर 20499 बड़े व 6504 छोटे पौधे लगाना बताते हुए जानकारी दी, जबकि मौके पर हकीकत दूसरी है।
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27 हजार पेड़ लगते तो हाइवे पर हरियाली होती
– उदयपुर व राजसमंद जिले का कुल क्षेत्र- 83 किलोमीटर
– सरकारी पेड़ काटे – 266 (राजसमंद), 200 (उदयपुर)
– रोड किनारे वनविभाग के पेड़ काटे – 3568(राजसमंद), 3265 (उदयपुर)
– दोनों जिलों की सीमा में कुल पेड़ काटे गए – 6833
– कुल पेड़ लगाने थे – 27015
– मौके पर स्थिति – आधे पेड़ भी नहीं
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तीन गुना लगाने थे पेड़
21 मार्च, 2013 को भारत सरकार ने सशर्त स्वीकृति दी थी। इसके तहत हाइवे निर्माण में जितने पेड़ कटेंगे उससे तीन गुना पेड़ लगाने को कहा गया, लेकिन नहीं लगाए। विभाग के पास लगाए गए पेड़ का हिसाब भी नहीं है, जबकि काटे गए ़बबूल, नीम, करंजी, शीशम, पीपल, महुआ, गुलमोहर, अडूसा सहित कई फलदार व औषधीय 6833 पेड़ों का हिसाब है।
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अधिवक्ता ने लगाई आरटीआईहाइवे पर जितने पेड़ लगाने की स्वीकृति पर काटने की इजाजत मिली थी, उसके आधे भी नहीं लगे है। मैने इस संबंध में आरटीआई लगाई थी, इसमें गोलमाल व गलत जवाब दिया गया। इस संबंध में विधिक कार्रवाई की जा रही है।
प्रवीण खंडेलवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता