हाथीपोल थाने के अधीन संचालित चौकी में महिलाओं की परेशानी सुनने के लिए महिला कांस्टेबल तक पदस्थापित नहीं है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो थानों तक में महिला कांस्टेबल नहीं है। ऐसे में चौकी के लिए अतिरिक्त महिला कांस्टेबल का मुहैया होना संभव नहीं है।
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यह स्थिति तब है जब चिकित्सालय में महिलाओं के साथ आए दिन लूट-खसोट, प्रसूता वार्ड में नर्सेज स्टाफ के इशारे पर सफाई कार्मिकों की ओर आए दिन अवैध वसूली के मामले सामने आने के अलावा खून के सौदागर सक्रिय हैं।
यह स्थिति तब है जब चिकित्सालय में महिलाओं के साथ आए दिन लूट-खसोट, प्रसूता वार्ड में नर्सेज स्टाफ के इशारे पर सफाई कार्मिकों की ओर आए दिन अवैध वसूली के मामले सामने आने के अलावा खून के सौदागर सक्रिय हैं।
चौकी का मतलब
पुलिस व्यवस्था में चौकी से आशय है, जहां एक-चार का जाप्ता यानी कि एक हवलदार और चार जवान। वर्तमान में चौकी प्रभारी के तौर पर एएसआई और एसआई भी नियुक्त करने का प्रावधान है। ऐसे में बिना जाप्ते के चौकी का नियमित संचालन करना एक हवलदार के लिए संभव नहीं होता। दूसरी ओर, अधिकारी यह कहने से नहीं चूक रहे हैं कि चौकी में पदस्थापित हवलदार गश्त पर जाता-आता रहता है।
एमबी चौकी पर अतिरिक्त भार
इधर, एमबी की पुलिस चौकी आरएनटी मेडिकल कॉलेज के साथ एमबी और जनाना हॉस्पिटल, जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में मरीजों, परिजनों एवं बाहरी लोगों के आने का सिलसिला बना रहता है। परिसर से बाइक चोरी, आम विवाद और पोस्टमार्टम तक का कामकाज इस चौकी के भरोसे संचालित है। इसका जाप्ता दिनचर्या का कामकाज पूरा करने के साथ ही रात में गश्ती दल में शामिल रहता है।
हवलदार है नियुक्त
महिला चिकित्सालय में पुलिस चौकी बनी हुई है। एक कमरे में संचालित चौकी की जिम्मेदारी हवलदार को दी हुई है। जाप्ते की कमी के बीच हवलदार मौके पर गश्त देता रहता है।
अशोक आंजना, प्रभारी, हाथीपोल थाना
महिला चिकित्सालय में पुलिस चौकी बनी हुई है। एक कमरे में संचालित चौकी की जिम्मेदारी हवलदार को दी हुई है। जाप्ते की कमी के बीच हवलदार मौके पर गश्त देता रहता है।
अशोक आंजना, प्रभारी, हाथीपोल थाना