अवैध जेटियां पर कार्रवाई सिर्फ कागजों में, मौके पर सभी मौजूद
उदयपुरPublished: Jul 03, 2020 10:25:31 pm
अवैध जेटियां पर कार्रवाई सिर्फ कागजों में, मौके पर सभी मौजूद
VIDEO पिछोला झील में आरटीआे ने तीन पाटीर् बोट को किया सीज
मोहम्मद इलियास/उदयपुर
पीछोला झील में अवैध जेटियां और पार्टी बोट संचालन को लेकर पत्रिका में सिलसिलेवार खबर प्रकाशित होने के बाद नगर निगम द्वारा सीज की गई जेटियां व बोट पांच माह से पानी में पड़ी है। लॉकडाउन के चलते पर्यटकों के नहीं आने से हालांकि पूरे झील में संचालन पर रोक लगी हुई लेकिन जेटियों को हटाने के लिए अभी तक सिर्फ कागजी कार्रवाई व संचालकों को सुनवाई का अवसर दिया गया है। झील में सरकारी जेटियों से संचालन के संबंध में भी निगम ने अभी कोई गाइड लाइन जारी नहीं की।राजस्थान पत्रिका ने इसी वर्ष 8 जनवरी के अंक में झील में ‘अवैध जेटियां, बोट में परोसी जा रही शराब’ शीर्षक से समाचार का प्रकाशन किया था। खबर प्रकाशन के बाद नगरनिगम व परिवहन विभाग ने बोट व जेटियों को सीज किया था। निगम ने इस संबंध में संचालकों को सुनवाई का अवसर देते हुए कागज तलब किए थे। जिला कलक्टर ने भी अवैध जेटियों के संचालन पर रोक के आदेश दिए थे। निगम ने सीज की गई जेटियोंं व बोट पर अब तक कार्रवाई नहीं की। पांच माह गुजर जाने के बाजवूद उन्हें पानी से बाहर नहीं निकाला गया।
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सूनी पड़ी है सरकारी जेटियां
पिछोला झील में एनएलसीपी के तहत कई जगह जेटियां लगाई गई थी। होटल संचालकों को इन्हीं जेटियों का उपयोग करना था लेकिन होटल संचालकों ने मनमर्जी से अपनी खुद की जेटियां लगाकर झील में अतिक्रमण कर दिया। जेटी के स्वीकृतियां अलग-अलग विभाग व जयपुर मुख्यालय से लाना बताकर सभी ने निगम को गुमराह किया लेकिन अब तक इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अमराई घाट पर स्थित जेटी वहां आने वाले युवाओं को सेल्फी प्वाइंट बनी हुई है।
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एक्ट की भी उड़ाई जा रही धज्जियां
ंराजस्थान बोटिंग रेगुलेशन एक्ट 1956 के तहत जिन होटलों पर पर्यटकों को लाने-ले जाने के लिए सडक़ मार्ग है, उन होटल समूह को नौका संचालन का कोई अधिकार ही नहीं है। अधिकांश होटलों को परिवहन विभाग ने नियमों के विपरीत लाइसेंस जारी कर रखे है। होटल संचालक यहां पार्टी बोट के संचालन के साथ ही सैलानियों को अवैध रूप से बोटिंग करवा रहे थे। इसके खुलासे के बाद भी अब तक निगम ने होटल संचालकों के विरुद्ध न तो अब तक बोटिंग रोकने न ही जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की।