विद्यालय में न शिक्षक और न ही खेल मैदान
उदयपुरPublished: Jul 16, 2023 01:33:10 am
बिछावेडा विद्यालय का मामला


विद्यालय में न शिक्षक और न ही खेल मैदान
बाठेरडा खुर्द. (उदयपुर). राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचार कर करोड़ो बजट खर्च किया जा रहा है। लेकिन ग्रामीण बाहुल्य क्षेत्रो में आज भी विद्यालयों की स्थिति दयनीय है। वल्लभनगर क्षेत्र के मजावड़ा पंचायत के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बिछावेड़ा में सरकार ने आनन-फानन में विद्यालयों को क्रमोन्नत तो कर दिया, मगर यह नहीं देखा कि यहां जमीन एवं भवन की उपलब्धता है या नहीं। यहां कक्षा-कक्ष के साथ स्टॉफ की भी कमी है। ग्रामीणों ने बताया कि यह विद्यालय 1956 से एक देवरे में संचालित कर शुरू किया गया था। जहां तत्कालीन सरकार द्वारा 1960 में गांव की आबादी क्षेत्र में दो कमरे स्वीकृत कर उन कमरों में स्कूल संचालित करवाया। इसके बाद प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं माध्यमिक के बाद उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत हो गया। मगर, अभी विद्यालय में मात्र 6 कमरें है। जिनमें 2 काफी पुराने होने के कारण जर्जर हो रहे है। बाकी 4 कमरों में कक्षा 12 तक की कक्षाएं संचालित होती है। विद्यालय में कुल 205 विद्यार्थी अध्ययनरत है। इसके बावजूद विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। बालक-बालिकाओं के खेलने के लिये मैदान भी उपलब्ध नही है। कुछ कक्षाओं को कमरे के बाहर बने बरामदे में बैठाया जाता है। तो कुछ को किचन के टिनशेड के नीचे बैठाया जाता है। विद्यालय में मात्र 6 अध्यापक, 1 पीटीआई एवं 1 प्रधानाचार्य है। इनमें से 2 शिक्षक अगस्त माह में सेवानिवृत हो रहे है। इसे लेकर ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन गांवो के संग अभियान शिविर एवं जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाया। लेकिन विद्यालय के हाल जस के तस बने हुए है।