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प्रशासनिक स्वीकृति के छह माह बाद भी कागजों में अटका कार्य

locationउदयपुरPublished: Jul 30, 2023 01:50:22 am

Submitted by:

surendra rao

2 करोड़ 60 लाख रुपए की डामर सड़क एवं पुलिया निर्माण का मामला

प्रशासनिक स्वीकृति के छह माह बाद भी कागजों में अटका कार्य
प्रशासनिक स्वीकृति के छह माह बाद भी कागजों में अटका कार्य
सलूंबर.. (उदयपुर). क्षतिग्रस्त सड़कों को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जनसुनवाई में तथा जनप्रतिनिधियों से अपील करने के बाद भी सड़कों की मरम्मत नहीं हो रही है। 6 माह पूर्व 2 करोड़ 60 लाख की डामरीकरण सड़क एवं पुलिया निर्माण प्रशासनिक स्वीकृति के बाद भी कागजों में अटके पड़े हैं।
विधानसभा क्षेत्र के बामणिया, बरोड़ा, केवड़ा, पाडला गांवो के अंतर्गत क्षतिग्रस्त सड़कों को लेकर ग्रामीणों एवं राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां के ग्रामीणों ने जनसुनवाई एवं जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सड़क निर्माण को लेकर अपने प्रार्थना पत्र सक्षम अधिकारीतक पहुंचाए। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया। इन्हीं सड़कों को लेकर डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट उदयपुर की 16 अगस्त 2022 को गवर्निंग काउंसङ्क्षलग बैठक हुई थी। इसमें अन्य प्राथमिकता के कार्यों में शासन वित्त जयपुर के पत्र पर 10 जनवरी 2023 से सड़क निर्माण कार्य एवं पुलिया निर्माण कार्य के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाने की सहमति प्रदान की गई। जिसके तहत विधानसभा क्षेत्र सलूंबर के डामरीकरण सड़क मेन रोड बामणिया से धनावत मादावत उसे गुड स्कूल तक 50 लाख की राशि, डामरीकरण सड़क बाबर माल से पीपलदरा 70 लाख, पुलिया निर्माण बरोड़ा बारा रोड पर 25 लाख, पुलिया निर्माण बरोड़ा हिकावाड़ा रोड पर 10 लाख, डामरीकरण सड़क महादेव घाटी से उपला फला वाया चुनाव वाला तालाब, हल्दू आदरी तक 80 लाख एवं संपर्क सड़क हाडा रानी कॉलेज सलूंबर 25 लाख राशि सहित कुल 6 कार्यों के लिए 2 करोड़ 60 लाख के राशि के निर्माण कार्य स्वीकृत कर 27 जनवरी 2023 को ताराचंद मीणा तत्कालीन जिला कलेक्टर एवं अध्यक्ष मैनेङ्क्षजग कमेटी डीएम एफ टी उदयपुर के हस्ताक्षर युक्त प्रशासनिक स्वीकृति आदेश जारी किया गया था।
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तकनीकी स्वीकृति
डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से प्रशासनिक स्वीकृति के बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग से 15 दिन के अंदर तकनीकी स्वीकृति एवं तखमीना भिजवाने नियम अनुसार निर्देशित किया गया। जिस पर सार्वजनिक निर्माण विभाग सलूंबर ने निर्माण कार्यों का तखमीना तैयार कर तकनीकी स्वीकृति के लिए भेज दिया। प्रशासनिक स्वीकृति के बाद विभाग द्वारा तकनीकी स्वीकृति को लेकर तखमीना तैयार कर वित्तीय स्वीकृति जारी करनी होती है। लेकिन प्रशासनिक स्वीकृति के 6 माह बाद भी डिस्टिक मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं की। जिससे निर्माण कार्य कागजों में अटका हुआ है।
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